तीन साल बाद आया है यह अवसर
ग्वालियर। इस बार महाशिवरात्रि अद्भुत संयोग लेकर आ रही है। महाशिवरात्रि का पर्व सोमवार को मनाया जाएगा। तीन वर्ष बाद इस तरह का संयोग बना है। इसलिए इसका महत्व कई गुना अधिक होगा। फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष त्रयोदशी को भगवान शिव का वरदान प्राप्त है और यह तिथि भगवान शिव की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित मानी गई है।
ज्योतिषाचार्य सतीश सोनी ने बताया कि सोमवार का दिन महादेव की आराधना का महत्वपूर्ण दिन होता है, इसलिए यह तिथि अपने आप में ही श्रेष्ठ मानी जाती है। उन्होंने बताया कि महाशिवरात्रि फाल्गुन कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी की तिथि घनिष्ठा नक्षत्र में मनाई जाएगी। सात मार्च को महाशिवरात्रि के दिन सोमवार पड़ रहा है। यह संयोग महादेव की आराधना के लिए सर्वोत्तम होगा।
सुबह की पूजा रहेगी श्रेष्ठ
ज्योतिषाचार्य पं. सतीश सोनी ने बताया कि महाशिवरात्रि के दिन दोपहर 1.30 बजे से पंचक लगेंगी। जिसके चलते श्रद्धालुओं के लिए सुबह की पूजा श्रेष्ठ कारी रहेगी। उन्होंने बताया कि पंचामृत से अभिषेक करने पर मोक्ष और शांति मिलेगी। वहीं गन्ने के रस का अभिषेक करने से धन की प्राप्ति होगी। शुत्र नाश के सरसों के तेल से अभिषेक करें। उन्होंने बताया कि भगवान शंकर की आराधना से मनुष्य के सभी कामों में सफलता व विजय मिलती है।