चलती साबरमति के बफलर खिसके, बड़ा हादसा टला

*गुना-रुठियाई के बीच हुई घटना, घंटों देरी से चलती साबरमति *कपलिंग के सहारे खींचकर रुठियाई तक ले जाई जा सकी साबरमति

गुना। वाराणसी से चलकर अहमदाबाद जा रही साबरमति एक्सप्रेस के बफलर खिसक गए। घटना गुना-रुठियाई के बीच आज दोपहर चलती साबरमति में हुई और बफलर खिसककर एक के ऊपर एक चढ़ गए, जिससे बड़ा हादसा टल गया। बफलर इंजन के पीछे वाले खिसके, इसके बाद कपलिंग के सहारे साबरमति को रुठियाई स्टेशन तक ले जाया जा सके। तत्पश्चात बफलर दुरुस्त करने की प्रक्रिया शुरु हुई, इसके लिए गुना स्टेशन से दुर्घटना राहत वाहन रुठियाई पहुँचा। फिर घंटों की मशक्कत के बाद बफलर को दुरुस्त कर मालगाड़ी को रवाना किया जा सका। इस बीच यात्री परेशानी का सामना करते रहे। बफलर खिसकने का कारण डिब्बे में अत्याधिक लोडिंग सामने आ रहा है।

क्या होता है बफलर?
ट्रेन के इंजन को डिब्बे से जोडऩे के लिए लोह के दो तवे जैसे ठोस पाइप इस्तेमाल में लाए जाते है, जो चुंबकीय होते है और इनके ऊपर ग्रीस लगा होता है। इंजन के बाद यह बफलर हर डिब्बे के साथ भी जुड़े होते है। इंजन द्वारा डिब्बों को खींचने के लिए कपलिंग का सहारा लिया जाता है। यह बफलर ट्रेन चलने के साथ छूंटते, चिपकते रहते है, जिससे ट्रेन झटका नहीं लेती है। आज की घटना में यह बफलर तेज झटके के चलते एक के ऊपर एक चढ़ गए और पूरा भार कपलिंग के ऊपर आ गया। जिससे कपलिंग टूटने का खतरा बढ़ गया। अगर ऐसा होता तो बड़ा हादसा हो सकता था।

खिसककर एक के ऊपर एक चढ़ गए बफलर
बताया जाता है कि वाराणसी से चलकर अहमदाबाद जाने वाली साबरमति एक्सप्रेस आज अपने निर्धारित समय पर गुना स्टेशन से रवाना हुई। अभी ट्रेन रुठियाई के समीप ही पहुँची थी कि ट्रेन में सवार यात्रियों को जबर्रदस्त झटका लगा। ट्रेन का इंजन भी भरभरा का रह गया। चालक ने तत्काल ट्रेन में बे्रक लगाए। इसके बाद उतरकर देखा तो इंजन और डिब्बे को जोडऩे वाले बफलर अलग होकर और एक के ऊपर एक चढ़े हुए थे। इसके चलते कुछ देर ट्रेन मौके पर ही खड़ी रही, घटना की जानकारी ट्रेन स्टाफ द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों के दी गई। तत्पश्चात उनके निर्देशानुसार ट्रेन को कपलिंग के सहारे खींचकर रुठियाई स्टेशन तक ले जाया गया। इसके कारण ट्रेन झटके लेकर चलती रही। इस बीच रुठियाई की ओर जाने वाली अन्य ट्रेनों को गुना स्टेशन पर ही रोका गया तो कोटा की ओर से आने वाली ट्रेनों को रुठियाई स्टेशन पर खड़ा किया गया।

घंटों देरी से चली साबरमति, यात्री परेशान
बफलर खिसकने के बाद किसी तरह कपलिंग के सहारे खींचकर ट्रेन को रुठियाई स्टेशन तक लाया गया। इसी बीच गुना स्टेशन से दुर्घटना राहत वाहन रुठियाई पहुँचा। इसके बाद खिसके हुए बफलर को दुरुस्त करने की प्रक्रिया शुरु की गई। काफी मशक्कत के बाद बफलर दुरुस्त कर साबरमति को रवाना किया गया। इस दौरान घंटों तक यात्री परेशान होते रहे।

अत्याधिक वजन को माना जा रहा कारण
बफलर के खिसकने कारण डिब्बे में अत्याधिक वजन को माना जा रहा है। रेलवे सूत्रों के अनुसार अत्याधिक वजन के कारण बफलर डिब्बे को सही तरीके से नहीं खींच सके और एक, दूसरे के ऊपर चढ़ गए। दूसरी ओर यात्रियों ने बताया कि उन्हे एकदम तेज झटका लगा, ऐसा लगा कि ट्रेन किसी चीज से टकराई हो। वह तो रुठियाई स्टेशन समीप होने के कारण ट्रेन की गति धीमी थी, अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था।

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