पालिका की हिटलरशाही के विरोध में उतरी बसपा
*पीडि़त परिवारों से मिलने मौके पर पहुंचा पार्टी नेताओं का प्रतिनिधि मंडल
*आशियाने उजाडऩे पर अपर जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन
उरई। पिछले दो दशकों से कच्चा पक्का मकान बनाकर रह रही गरीबों के आशियानों पर नगर पालिका परिषद बुल्डोजर से तबाही मचाने को लेकर अब बहुजन समाज पार्टी सामने आ गई है। बसपा विधायक संतराम कुशवाहा एवं पूर्व विधायक अजय सिंह पंकज, जिलाध्यक्ष शैलेन्द्र शिरोमणि के नेतृत्व में बसपा कार्यकर्ताओं ने मौके पर पहुंचकर गरीबों के मकान तोडऩे का विरोध किया बाद में राज्यपाल को संबोधित तीन सूत्रीय ज्ञापन अपर जिलाधिकारी आनंद कुमार को सौपा।
पिछले एक सप्ताह से गरीबों के आशियानों पर कहर बनकर टूट रही प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों के नेतृत्व में नगर पालिका के बुल्डोजर ने सैकड़ों गरीबों को खुले आसमान के नीचे ला दिया है तो उनकी घर गृहस्थी भी ध्वस्त कर दी गई है। आज बहुजन समाज पार्टी के जिलाध्यक्ष शैलेन्द्र शिरोमणि के नेतृत्व में माधौगढ विधायक संतराम कुशवाहा, पूर्व विधायक अजय सिंह पंकज, बसपा नेता मानसिंह पाल, ब्रजेश जाटव, उदयवीर सिंह दोहरे, रामसनेही राजपूत, सचिन पलरा, रविकांत, सुरेश तिवारी, अजय हथनौरा, रंजीत सिंह, विजयकांत त्रिपाठी, बल्लू बजरिया, ब्रजेश प्रजापति, शैलेष कुमार, संजय गौतम, रविन्द्र सिंह हरौली जिला पंचायत सदस्य, रामदुलारे कुशवाहा, दीपू बिनौरा, नरेश सोनी सभासद, अल्ताफ खान जिला पंचायत सदस्य, साकिर हसन वारिशी जिला उपाध्यक्ष, मनीष आनंद, दीपू द्विवेदी आदि तमाम बसपा नेताओं ने राज्यपाल उप्र शासन को संबोधित ज्ञापन अपर जिलाधिकारी आनंद कुमार को सौंपा। जिसमें कहा गया है कि मोहल्ला लहारियापुरवा में गरीब परिवार झोपड़ पट्टी बनाकर अपना भरण पोषण कर रहे थे 10 फरवरी को उरई नगर पालिका परिषद द्वारा शासन और प्रशासन के इशारे पर दलित मजलूमों के बने कच्चे पक्के मकान जेसीबी द्वारा ढहा दिए गए है मजदूरों को घर ग्रहस्थी का सामान उठाने का मौका नहीं दिया गया। जिसमें आज यह सभी गरीब खुले आसमान के नीचे बच्चों के साथ जीवन व्यतीत करने को मजबूर है। जबकि उक्त लोगों के द्वारा कई वर्षो से बिजली पानी, हाउस टैक्स का बिल मकान मालिक की हैसियत से नगर पालिका को दिया जा रहा था और उसके लिए नगर पालिका द्वारा इंटर लॉकिंग, नाली निर्माण भी किया जा चुका था। शासन के इशारे पर नगर पालिका द्वारा वेबजह गरीबों के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही की जा रही है जिससे गरीबों का जीवन नारकीय हो गया है। यह गंभीर स्थिति है जिससे पूरे शहर के गरीबों में भारी आक्रोश है इस प्रकरण को लेकर कभी भी स्थिति विस्फोटक हो सकती है। ज्ञापन में मांग की गई है कि प्रशासन के द्वारा मकानों को गिराने से अविलंब रोका जाये। प्रशासन के द्वारा जिन गरीबों के मकान ध्वस्त किए गए उन्हें पुन: बनवाने के लिए उचित मुआवजा दिया जाये बिना किसी नोटिस व ठोस कारण के गरीबों के खिलाफ दमनात्मक कार्यवाही करने वाले अधिकारियों की जांच कराकर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाये।