बोर्ड परीक्षा में शामिल होंगे 47 हजार से अधिक परीक्षार्थी
एक मार्च से शुरू होंगी परीक्षाएं, माध्यमिक शिक्षा मण्डल ने शुरू की तैयारियां
ग्वालियर। माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित हायर सेकेण्डरी और हाई स्कूल की परीक्षाएं एक मार्च से शुरू हो रही हैं। बोर्ड द्वारा परीक्षाओं की समय सारणी जारी करने के साथ ही जिलेभर में बोर्ड परीक्षाओं की तैयारियां शुरू हो गई हैं। शिक्षा विभाग जहां एक ओर परीक्षा के आयोजन से जुड़ी व्यवस्थाओंं की तैयारी में लग गया है वही दूसरी ओर परीक्षार्थी अच्छे से अच्छे अंक लाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। पिछले साल की अपेक्षा इस बार परीक्षार्थियों की संख्या ज्यादा है।
जिला शिक्षा विभाग के आंकड़ों के अनुसार इस साल मंडल द्वारा आयोजित हाईस्कूल और हायर सेकेण्डरी बोर्ड की परीक्षा में कुल 47 हजार 176 परीक्षार्थी शामिल होंगे। इनमें हाई स्कूल परीक्षा में 27 हजार 628 नियमित और 3 हजार 732 स्वाध्यायी परीक्षार्थी हिस्सा लेंगे। इसी प्रकार हायर सेकेण्डरी की परीक्षा में 19 हजार 548 नियमित और दो हजार 870 स्वाध्यायी सहित कुल 22 हजार 418 परीक्षार्थी शामिल हो रहे हैं। बताया गया कि संवेदनशील परीक्षा केंद्रों में सुरक्षा के अतिरिक्त इंतजाम किए जाएंगे। परीक्षा कार्यक्रम जारी होने के बाद परीक्षार्थी प्रायोगिक और मुख्य परीक्षा की तैयारी में जुट गए हैं।
देर रात तक बजते हैं ध्वनि विस्तारक यंत्र
परीक्षा नजदीक आते ही पिछले सालों तक जिला प्रशासन की ओर से ध्वनि विस्तारक यंत्रों के अनियंत्रित उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया जाता था। इस साल परीक्षा का कार्यक्रम घोषित होने के बाद भी अभी तक जिला प्रशासन की ओर से ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। इससे रात-दिन परीक्षा की तैयारी में लगे परीक्षार्थी परेशानी में हैं।
प्रश्नपत्रों में किया है बदलाव
माध्यमिक शिक्षा मंडल ने इस बार हाईस्कूल और हायर सेकेण्डरी परीक्षा का परिणाम सुधारने के लिए प्रश्नपत्रों के स्वरूप में बदलाव किया है। प्रश्नपत्रों में आने वाले दीर्घउत्तरीय छह नंबर के प्रश्नों को खत्म कर इसके स्थान पर तीन-तीन नंबर के लघुउत्तरीय प्रश्न शामिल किए जा रहे हैं। छात्रों को इसका लाभ मिल सके और उन्हें अच्छे अंक प्राप्त होने के साथ ही परीक्षा परिणाम भी बेहतर हो सकेंगे।
बिजली की समस्या से जूझ रहे छात्र
ग्रामीण अंचल के परीक्षार्थियों को तो बिजली की समस्या से जूझना पड़ रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में अक्सर रात को बिजली चली जाती है। इससे दिन भर कोचिंगऔर स्कूलों में बिताने के बाद रात को जब परीक्षार्थी तैयारी कर रहे होते हैं तभी बिजली गुल हो जाती है।