नहीं बिके पचास लाख के चायनीज पटाखे
ग्वालियर, न.सं.। दीपावली के अवसर पर विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा चायना निर्मित वस्तुओं का बहिस्कार किए जाने के आह्वान का खासा असर हुआ है। शहर में इस बार करीब 50 लाख रुपए कीमत के चायना पटाखों की बिक्री नहीं हुई है। यह सारा माल पटाखा व्यापारियों के पास जस का तस पड़ा हुआ है। पटाखों के अलावा चायना निर्मित सजावटी लाइट सहित अन्य उत्पादों की बिक्री पर भी 25 से 30 प्रतिशत का असर पड़ा है। इसी के साथ चायना निर्मित एलसीडी और मोबाइल की बिक्री में भी कमी आना शुरू हो गई है।
उल्लेखनीय है कि चीन द्वारा अंदरूनी रूप से पाकिस्तान का सहयोग देने और ब्रह्मपुत्र नदी का पानी रोके जाने पर शहरवासियों ने दीपावली के अवसर पर चीन निर्मित वस्तुओं का जमकर बहिस्कार किया। स्थिति यह हो गई कि कई व्यापारियों का माल धरा का धरा रह गया।
अधिकांश लोगों ने दीप और मोमबत्ती के साथ दीपावली मनाई। बहिस्कार के चलते शहर में 25 से 30 प्रतिशत तक चायना का इलेक्ट्रोनिक माल बिका नहीं है। वर्तमान में व्यापारियों के पास चायना का काफी माल रखा हुआ है, जिसका फिलहाल कोइ खरीदार नहीं है।
पटाखा व्यापारियों को हुआ नुकसान
प्रशासन द्वारा चायना पटाखों की बिक्री पर लगाए गए प्रतिबंध के कारण पटाखा कारोबारियों द्वारा खरीदे गए 50 लाख के पटाखे बेकार हो गए हैं। वहीं शहर में पटाखों की अस्थाई दुकानें लगने के कारण पटाखा कारोबारियों को डेढ़ से दो करोड़ का नुकसान भी हुआ है। पटाखा कारोबारियों के पास इतना माल बच गया है कि उनके पास इसे रखने की जगह तक नहीं है।
इन्होंने कहा
‘तमाम संगठनों के आह्वान के चलते इस बार चायना निर्मित उत्पादों की बिक्री पर 25 से 30 फीसदी असर हुआ है। इस बार हमने भी चायना निर्मित किसी भी उत्पाद को नहीं बेचा है। दीपावली पर पहले की अपेक्षा इस बार चायना वस्तुओं के खरीदार कम ही दिखाई दिए।’
अमित कोहली
ट्यूब लाइट इण्डस्ट्रीज, दौलतगंज
‘चायना पटाखों के बहिष्कार के साथ-साथ पुलिस की सांठगांठ से शहर में आतिशबाजी की अवैध दुकानें लगने से एक से दो करोड़ का पटाखा कारोबार प्रभावित हुआ है। इस बार आतिशबाजी का बहुत माल बचा है।’
हरीश दीवान
सचिव, आतिशबाजी फुटकर विक्रेता संघ