दिसंबर में हो सकता है प्रशासनिक फेरबदल

भोपाल। राज्य में नये मुख्य सचिव का आगाज हुए लगभग एक माह बीत चुका है। सीएस ने फिलहाल राज्य के विभिन्न विभागों के प्रमुख अधिकारियों और जिलों के कलेक्टर और कमिश्नरों के कामकाज पर बारीकी से नजर रखी है। मुख्य सचिव ने पद संभालते ही कहा था कि अभी वह कामकाज को समझेंगे। गत एक माह में मुख्य सचिव ने परिवर्तन की हवा को परवान नहीं चढऩे दिया।

लोकमंथन, उपचुनाव के कारण शासन तंत्र शीर्ष से लेकर मैदान तक व्यस्त रहा। अब दिसंबर माह के प्रथम सप्ताह में विधानसभा का शीतकालीन सत्र है, जिसके लिए सभी विभागों की जिम्मेदारी बढ़ गयी है। विभागों से संबंधित प्रश्न और जानकारियों के लिहाज से फिलहाल विभाग के अधिकारियों की अदला-बदली टली है। सत्र के पहले राजधानी में आयोजित होने वाले गरीब सम्मेलन में फील्ड के अधिकारियों की महती भूमिका है। हितग्राहियों को इकटठा करना और उन्हें योजनाओं का लाभ दिलाना, उनकी पहली प्राथमिकता है, जिसके चलते कलेक्टर-कमिश्नर और अन्य अधिकारी फेरबदल की जद से सुरक्षित महसूस कर रहे है। दिसंबर के दूसरे सप्ताह में नर्मदा यात्रा एक बड़ा आयोजन है। राज्य से नदी सरंक्षण और पर्यावरण का बड़ा संदेश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश ही नहीं देश को देना चाहते है। यह यात्रा राज्य के 16 जिलों से होकर निकलेगी।

जिसमें फिर वही शासन तंत्र व्यस्त होगा। इसके बाद मुख्य सचिव फेरबदल करेंगे। सूत्रों की माने तो थोकबंद प्रभारों की अदला-बदली की जगह इक्का-दुक्का अधिकारियों को बदलने से प्रशासनिक फेरबदल की शुरूआत होगी।

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