भगवान कृष्ण के जन्म का वर्णन सुन मंत्रमुग्ध हुए श्रोता

झांसी। संत की बगिया में भागवत कथा सुनने के लिए भक्तों की भीड़ लगना शुरु हो रही है। जिसमें कथा का रसरंग कृष्णलीला से शुरु होकर उनके अनेकों अवतारों का बखान कथावाचक नारायण ब्रह्मचारी द्वारा किया जा रहा है। कथा के तीसरे दिन भगवान कृष्ण के जन्म का सुंदर वर्णन भक्तों को सुनाया गया। जिससे भक्तों में आनंद का भाव उत्पन्न हुआ।

कृष्ण के बचपन काल के एक-एक पल को सुनकर भक्तों ने भगवान कृष्ण के जयकारे लगाये। जिसमें नारायण ब्रह्मचारी ने कृष्ण की बचपन लीला के कई सुंदर कार्य को भी बताते हुए कहा कि बचपन से ही भगवान कृष्ण गोकुलधाम के लोगों का मनमोहते रहे। ग्वाल-वाल व गौमाताओं के साथ वन में जाकर उनके साथ खेलकूद के कई प्रकार के ऐसे कारनामे करते थे जिससे गोकुलधामवासी आश्चर्यचकित हो जाते थे। माता यशोदा के लाल कृष्ण गोपियों के साथ भी गोकुलधाम में लीलाओं को दिखाते रहते थे। जिससे गोपियां कृष्ण की भक्त हो गई थीं। उनका प्रिय भोजन माखन था, अपने ग्वाल-वालों के साथ बचपन से ही माखन चोरी में कृष्ण की अहम भूमिका थी। कथा के तीसरे दिन कृष्ण जन्म की लीलाओं को सुन भक्तों में आनंद का अनुभव प्राप्त हुआ।

कथा के प्रारंभ में मदन मोहन तिवारी ने भागवत कथा का पूजन कर आरती की व कथा के अंत में सभी को प्रसाद वितरित किया। इस मौके पर आरती में राघवेन्द्र भदौरिया, धर्मेन्द्र भदौरिया, शिवेन्द्र भदौरिया, शिवलाल केवट, जगदीश प्रसाद दांगी, मोहनलाल साहू, सहित अन्य भक्तगण मौजूद रहे।

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