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दुरुपयोग रोकने हेतु मुद्रा का परिवर्तन स्वाभाविक प्रवृत्ति

नोटबंदी निर्णय अच्छा लेकिन बैंकिंग सुविधाओं को मजबूत करना जरूरी

आगरा। केंद्र सरकार द्वारा पिछले दिनों पांच सौ व हजार के नोटों को चलन से बाहार करने का निर्णय साहसिक व सौ प्रतिशत सही निर्णय है। क्योंकि कई वर्षो से यह नोट राष्ट्रविरोधी तत्वों द्वारा देश के आंतरिक वातावरण को अशांति करने हेतु प्रयोग किए जा रहे थे। अगर मुद्रा का दुरुपयोग होता है, तो मुद्रा परिवर्तन को अर्थव्यवस्था की दृष्टि से स्वाभाविक प्रवृति ही माना जाएगा। यह कहना है एड. कैलाश चंद्र शर्मा का।

शास्त्रीपुरम निवासी वरिष्ठ प्रबंधक, इलाहाबाद बैंक के पद से सेवानिवृत हो चुके कैलाश चंद्र शर्मा ने मंगलवार नोटबंदी के केंद्र सरकार के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि हालांकि निर्णय सार्थक और वर्तमान अर्थदृष्टि से प्रासंगिक है, फिर भी केंद्र सरकार बैंकिंग व्यवस्थाओं की दृष्टि से अपनी तैयारियों को निर्णय से पूर्व कुछ और मजबूत कर लेती तो आज इतना हल्ला नहीं मच रहा होता।

वहीं विपक्षी राजनीतिक पार्टियों द्वारा केंद्र सरकार के निर्णय पर उठाए जा रहे सवालों पर श्री शर्मा ने कहा कि अच्छा होता अगर प्रधानमंत्री इस निर्णय की घोषणा स्वयं न करते हुए सीधे रिजर्व बैंक द्वारा इस निर्णय को घोषित कराते। इससे आज जो संसद की कार्रवाही प्रभावित हो रही है, कम से कम वह बाधित नहीं होती। श्री शर्मा ने कहा कि निर्णय अच्छा है और जनता को सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश के लोग निकम्मे नहीं होते, तो राष्ट्रविरोधी शक्तियों के हौसले इतने बुलंद ना होते। उन्होंने कहा कि लोगों को अपनी प्रवृतियों में बदलावा लाना चाहिए। सार्थक विचार और अच्छे नागरिक बनने की कोशिश करना चाहिए।


Updated : 23 Nov 2016 12:00 AM GMT
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