आयकर छापों के डर से साफ कराई सीसीटीवी रिकार्डिंग!

स्थिति सामान्य होने के बाद भी सराफा कारोबारी सांसत में
ग्वालियर। शहर के सराफा बाजार,मुरार और उपनगर ग्वालियर के प्रमुख सराफा कारोबारियों ने अपनी दुकान और शोरूम के सीसीटीवी की रिकार्डिंग को हटा दिया है। इन्हें आशंका है कि उनके यहां आयकर विभाग कहीं छापा न मार दे। इसका कारण ये है कि नोटबंदी के बाद व्यवसायियों ने आठ नवम्बर की रात और उसके अगले दिन की बिक्री का हिसाब मांगा जा सकता है। बताया जाता है कि बड़े नोट के प्रचलन से बाहर किए जाने के बाद बाजारों में हडक़म्प मच गया था और व्यवसायियों ने पुराने नोटों से सोने के जेवरातों की ेऊंचे दामों में बिक्री की थी। पुराने नोटों को ठिकाने लगाने के लिए लोगों ने 31 हजार के प्रति दस ग्राम सोने को 45 हजार रुपए तक में खरीदा था।
नोटबंदी के 11 दिन बाद जब स्थिति काफी हद तक सामान्य हो गई है। उसके बाद भी सराफा बाजार में हल्ला है कि आयकर विभाग बड़े पैमाने पर छापामारी की तैयारी कर रहा है। इसके लिए सीसीटीवी रिकार्ड जुटाया जा रहा है। नोटबंदी की रात भर करोड़ों का काला धन सोने में बदला गया। इस डर से उन्होंने सीसीटीवी रिकार्डिंग को साफ करा दिया है। लोगों ने हजार - पांच सौ के नोटों से लाखों रूपए के जेवर ऊंचे दाम में खरीदकर अपने काले धन को ठिकाने लगाया था।
55 हजार तक बेचा था सोना
सराफा बाजार के एक व्यापारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सराफा व्यवसायियोंने 55 हजार रुपये तोला तक सोने के आभूषण बेचे थे। आयकर विभाग के सूत्र की मानें तो इसकी सच्चाई जानने की कवायद की जा रही है। इसके लिए विभाग नोटिस भी जारी कर सकता है। इनसे दोनों दिन की बिक्री का रिकार्ड लिया जाएगा। सीसीटीवी फुटेज में देखा जाएगा कि सोना खरीदने के लिए कौन-कौन लोग आए थे। हालांकि इस बारे में जानकारी देने के लिए कारोबारी कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं है।