भाई दूज मनाकर हुआ दीपावली का समापन
रेलवे स्टेशन व बस स्टैण्ड पर सुबह से ही उमड़ती दिखी भारी भीड़
झांसी। नगर और और जिले में भैया दूज का पर्व आज धूमधाम से मनाया गया। बहनों ने अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाकर उनकी लम्बी उम्र की कामना की। वहीं भाइयों ने बहनों को उपहार भेंट किए। भाई दूज त्यौहार पर रेलवे स्टेशन व बस स्टैण्ड पर अच्छी खासी चहल पहल रही। हालांकि इस दौरान मिठाई की दुकानों पर भी भीड़ लगी रही।
दीपावली के दूसरे दिन भाई दूज का त्यौहार मनाने के लिए लोगों में खासा उत्साह दिखाई दिया। बहनें अपने भाइयों के घर पहुंचकर पर्व को मनाने में लगी रहीं। इस त्यौहार पर घर-घर में पकवान व मिठाइयां बनाई गईं। बहनों ने भाइयों को तिलक कर उनकी लम्बी उम्र की कामना की। सुबह से ही शहर के रेलवे स्टेशन व बस स्टैण्ड पर अपने जाने वालों की भीड़ लगी रही। जबकि बसें भी यात्रियों से ठसाठस भरी रहीं, वहीं रेलवे स्टेशन पर भी यात्री परेशान नजर आए। शहर की प्रत्येक दुकान पर मिठाई खरीदने को भीड़ लगी रही। त्यौहार को श्रद्धा व भक्ति के साथ मनाया गया।
ऐसी जन मान्यता है कि पांच दिवसीय दिवाली के त्योहार का अंतिम पड़ाव भाई-दूज होता है। बहन-भाई के प्रेम के प्रतीक इस पर्व को लेकर काफी कथाएं प्रचलित हैं लेकिन सबसे ज्यादा जिस कहानी की चर्चा होती है वो है यम और यमी की कहानी। इस कहानी को पढऩे के बाद आज बहनों ने भाईयों का टीका किया।
मान्यता है कि यमी यमराज की बहन हैं जिनसे यमराज काफी प्रेम और स्नेह रखते हैं। कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को एक बार जब यमराज यमी के पास पहुंचे तो यमी ने अपने भाई यमराज की खूब सेवा सत्कार की। यम और यमी की कहानी बहन के सत्कार से यमराज काफी प्रसन्न हुए और उनसे कहा कि बोलो बहन क्या वरदान चाहिएघ् भाई के ऐसा कहने पर यमी बोली की जो प्राणी यमुना नदी के जल में स्नान करे वह यमपुरी न जाए। यमी की मांग को सुनकर यमराज चिंतित हो गये। जो भाई बहन के घर भोजन करे यमी भाई की मनोदशा को समझकर यमराज से बोली अगर आप इस वरदान को देने में सक्षम नहीं हैं तो यह वरदान दीजिए कि आज के दिन जो भाई बहन के घर भोजन करे और मथुरा के विश्राम घट पर यमुना के जल में स्नान करे, उस व्यक्ति को यमलोक नहीं जाना पड़े। व्यक्ति को यमलोक नहीं जाना पड़े तब से ही यह प्रथा बन गई कि आज के दिन भाई अपनी बहनों के घर जाते हैं और उनसे टिका कराते हैं ताकि उनकी आयु बढ़े। प्रेम और त्याग का यह पर्व उत्तर भारत में बहुत ज्यादा लोकप्रिय है। इस दिन हर भाई के मस्तक पर बहनें टीका करती हैं और उनकी लंबी आयु और तरक्की की कामना करती हैं। प्रथा इस दिन बहनेंं अपने भाई के माथे पर तिलक लगाती हैं और जमकर गालियां देती हैं, जिससे की यम बाबा को बहनों पर गुस्सा आए और वो उनके भाई की उम्र लंबी करें। आज सभी घरों में दूज पूजी गई। घर के दरवाजे पर गोबर से बनी आकृतियों का पूजन करने के उपरांत बहनों ने भाईयों की रक्षा के लिए उनका तिलक किया।