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भारत में बीस करोड़ लोग उच्च् रक्तचाप के शिकार

भारत में बीस करोड़ लोग उच्च् रक्तचाप के शिकार
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लंदन। भारत में 20 करोड़ लोग उच्च रक्तचाप (हाई ब्लडप्रेशर) के शिकार हैं। एक विस्तृत अध्ययन में तथ्य सामने आया है कि विश्व में एक अरब,13 करोड़ लोग इस समय इस रोग से जूझ रहे हैं। लंदन के इंपीरियल कॉलेज के विज्ञानियों के नेतृत्व में हुए अध्ययन में बताया गया कि पिछले चार दशकों के दौरान विश्र्व में उच्च रक्तचाप रोगियों की संख्या दोगुनी हो गई है। विश्व के आधे से अधिक ऐसे रोगी एशिया में रहते हैं।

अकेले चीन में इनकी संख्या 22 करोड़, 60 लाख है। शोध में 1975 से लेकर 2015 तक की अवधि के दौरान विश्व के हर देश में उच्च रक्तचाप की स्थिति का अध्ययन किया गया। विश्व में 59.70 करोड़ पुरुषों और 52.90 करोड़ महिलाओं में इस रोग का असर देखा गया। यह तथ्य भी सामने आया कि धनी देशों में रोग तेजी से कम हुआ लेकिन विशेष तौर पर अफ्रीका और दक्षिण एशिया के निर्धन या मध्यम आर्थिक दर्जा रखने वाले देशों में तेजी से बढ़ा।
आबादी के तौर पर देखें तो यूरोपीय देश क्रोएशिया में 38 प्रतिशत तथा अफ्रीकी देश नाइजर में 36 फीसद लोगों को यह रोग है। यूरोप महाद्वीप में ब्रिटेन में सबसे कम आबादी पर रोग का असर है। दक्षिण कोरिया, अमेरिका तथा कनाडा ऐसे देश हैं जहां विश्व के सबसे कम हाई ब्लडप्रेशर के रोगी हैं।

रोचक तथ्य यह है कि 1975 में आर्थिक समृद्धि को उच्च रक्तचाप का कारण माना जा रहा था लेकिन 2015 तक आते-आते निर्धनता इसका प्रमुख कारण बन गई। इंपीरियल कॉलेज के प्रोफेसर माजिद इजाती के अनुसार आरंभिक वर्षों का कुपोषण बड़ी आयु में रक्तचाप का कारण बन रहा है। अध्ययन में कुछ अन्य कारण भी बताए गए जैसे-खान पान में लापरवाही, नमक का अत्यधिक सेवन, फल व सब्जियां न खाना, मोटापा, व्यायाम न करना तथा पर्यावरण प्रदूषण। उच्च रक्तचाप दिल के दौरे तथा ब्रेन स्ट्रोक का मुख्य कारण है। इनकी वजह से हर वर्ष 75 लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है।

Updated : 19 Nov 2016 12:00 AM GMT
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