नोटबंदी से आतंकी परेशान कश्मीर में पथराव भी बंद

नोटबंदी से आतंकी परेशान कश्मीर में पथराव भी बंद

मुंबई। उच्च मूल्य वाले नोट बंद करने के बाद आतंकवाद का वित्तपोषण खत्म हो गया है और सुरक्षा बलों पर पथराव नहीं हो रहा है। यह बात रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कही। इस साहसिक कदम के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद दिया और कहा कि इससे मादक द्रव्यों पर रोक लगाने में भी मदद मिलेगी।
रक्षा मंत्री पर्रिकर ने कहा, पहले दरें तय थीं, सुरक्षा बलों पर पथराव के लिए पांच सौ रूपये और किसी अन्य काम के लिए एक हजार रूपये। प्रधानमंत्री ने आतंकवाद के वित्तपोषण को खत्म कर दिया। उन्होंने कहा, पिछले कुछ दिनों में प्रधानमंत्री के साहसिक कदम के बाद सुरक्षा बलों पर पथराव नहीं हो रहा है। इसके लिए मैं प्रधानमंत्री को बधाई देता हूं। उन्होंने कहा कि आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले नोटबंदी से प्रभावित होंगे।अब तक काला धन और नकली करेंसी से आतंकवाद फलता- फूलता रहा है। अब आतंक को खाद-पानी मिलना बंद हो रहा है। कश्मीर घाटी में हिंसा भडक़ाने और आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए आनलाइन ट्रांजेक्शन का रूट भी अपनाया जा रहा था। एनआईए की जांच में इस बात का खुलासा हो चुका है। हिंसा के दौरान एनआईए ने कश्मीर में ऐसे सैकड़ों खातों को खंगाला था। हुर्रियत के कट्टरपंथी धड़े के नेता सैयद अली शाह गिलानी के परिवार वालों सहित कई अलगाववादी नेताओं से इस मामले में पूछताछ भी की गई थी।

मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती भी कई मौकों पर यह कह चुकी हैं कि युवाओं को पत्थरबाजी के लिए भडक़ाया जा रहा है। इन्हें भडक़ाने वाले लोगों के परिवार के सदस्य बाहर नौकरी कर मजे से रह रहे हैं। घाटी में अमूमन 12-15 हजार करोड़ रुपये की फंडिंग आतंकी गतिविधियों के लिए पाकिस्तान द्वारा की जाती रही है। यह राशि हवाला के जरिये तो यहां पहुंचाई ही जाती रही है। साथ-साथ नकली नोटों का भी बड़ा नेटवर्क है। सीमा पार से आतंकी संगठनों के आकाओं द्वारा तथा पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की ओर से नेपाल तथा बांग्लादेश के रास्ते नकली नोटों की खेप पहुंचाई जाती रही है। इसमें हिजबुल, लश्कर के ओजीडब्ल्यू के साथ ही स्थानीय नेटवर्क का भी इस्तेमाल किया जाता रहा है।

Next Story