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राष्ट्रवादी विचारकों व कर्मशीलों का तीन दिवसीय आयोजन ‘लोकमंथन’ भोपाल में

राष्ट्रवादी विचारकों  व कर्मशीलों का तीन दिवसीय आयोजन ‘लोकमंथन’ भोपाल में
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विधानसभा परिसर,भोपाल में होगा 12, 13 व 14 नवंबर को आयोजन

भोपाल, ब्यूरो। राष्ट्र सर्वोपरि के विचार से ओत-प्रोत विचारकों और कर्मशीलों का तीन दिवसीय राष्ट्रीय आयोजन ‘लोकमंथन’ 12 से 14 नवंबर तक विधानसभा परिसर, भोपाल में आयोजित हो रहा है। प्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित इस आयोजन की विशेषता है कि इसमें राष्ट्र निर्माण में कला, संस्कृति, इतिहास, मीडिया और साहित्य की भूमिका पर विमर्श किया जायेगा। ‘औपनिवेशक मानसिकता से मुक्ति’ लोकमंथन का केन्द्रीय विषय है। इसलिए यह अपने तरह का पहला आयोजन है।

लोकमंथन में शामिल होने आ रहे देश-दुनिया से प्रख्यात विचारक और रचनाधर्मियों के परस्पर विचार-विमर्श से भारत के साथ विश्व को नई दृष्टि मिलेगी। यह तीन दिवसीय विमर्श गहरी वैचारिकता की वजह से हमारे राष्ट्र के उन्नयन में सहायक सिद्ध होगा। समता, संवेदनात्मकता, प्रगति, सामाजिक न्याय, सौहाद्र्र और सद्भाव की आकांक्षा राष्ट्रीयता के मूलमंत्र है। इसी भावना के साथ सामाजिक बदलाव और समाज का विकास इस राष्ट्रीय विमर्श का मूल उद्देश्य है। उक्त जानकारी आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अभा सह प्रचार प्रमुख एवं लोकमंथन आयोजन समिति के संयोजक श्री जे. नंदकुमार ने दी। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के क्षेत्र प्रचार प्रमुख श्री नरेन्द्र जैन एवं भारत नीति प्रतिष्ठान के मानद निर्देशक श्री राकेश सिन्हा एवं प्रांत प्रचार प्रमुख श्री दीपक शर्मा भी उपस्थित थे।

लोकमंथन का आयोजन मध्यप्रदेश सरकार के संस्कृति विभाग, भारत भवन और सामाजिक वैचारिक संस्थान प्रज्ञा प्रवाह के संयुक्त तत्वावधान में होगा। लोकमंथन में शामिल होने के लिए देशभर से लगभग 800 प्रतिभागी आ रहे है। राजधानी में तीन दिन ‘लघु भारत’ के दर्शन होंगे। ऑनलाइन पंजीयन के जरिए लोकमंथन में शामिल होने वाले प्रतिभागियों में अधिकतर 40 वर्ष से कम आयु के युवा है। वहीं, विभिन्न विषयों के विशेषज्ञ के तौर पर 130 से अधिक विद्वान भी इसमें शामिल हो रहे है।

श्री नंदकुमार ने बताया कि लोकमंथन का उद्देश्य है कि राष्ट्र निर्माण को लेकर अब तक बनी पश्चिम परस्त अवधारणा को दूर कर भारत के इतिहास, कला, विज्ञान, संस्कृति, भूगोल और मनोविज्ञान को यूरोपीय आस्थावाद से बाहर निकालकर राष्ट्रीयता की संकल्पना की स्थापना की जाए। उन्होंने बताया कि नवउदारवाद और वैश्वीकरण के मौजूदा दौर में राष्ट्रीयता का देशज या यूं कहें कि शुद्ध भारतीय पाठ तैयार करने की योजना है। कार्यक्रम का उद्घाटन 12 नवंबर को सुबह 10 बजे रहेगा, इसके बाद तीन दिन तक विभिन्न विषयों पर गहन विमर्श किया जायेगा।

मुख्यमंत्री करेंगे प्रदर्शनी का लोकार्पण

लोकमंथन में लोक कला-संस्कृति के संबंध में एक प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। इस प्रदर्शनी का लोकार्पण11 नवंबर को सुबह 10 बजे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, विधानसभा अध्यक्ष सीतासरन शर्मा और संघ के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय जी होसबोले करेंगे। इस प्रदर्शनी का निर्माण लोक कलाकारों ने किया है। लोकमंथन के दौरान यह प्रदर्शनी सभी कला-संस्कृति प्रेमियों के लिए खुली रहेगी।


Updated : 11 Nov 2016 12:00 AM GMT
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