धनतेरस पर रहेगा अमृत योग
शरद पूर्णिमा से दीपावली तक इन दिनों में ही करें खरीदारी
ग्वालियर। धनतेरस का पर्व 28 अक्टूबर मंगलवार को मनाया जाएगा। कहा जाता है कि कार्तिक कृष्णपक्ष त्रयोदशी के दिन अमृत कलश लेकर भगवान धनवंतरी समुद्र मंथन से प्रकट हुए थे। इस कारण धनतेरस को अबूझ मुहूर्त भी माना जाता है।
इस दिन जो भी शुभ कार्य या खरीदी की जाए वह अमृत के समान अमर व स्थाई रहती है। धनतेरस के दिन शुक्रवार को अमृत योग व ऐसे कई शुभ योग रहेंगे, जो खरीदारी के लिए समृद्धिकारक होंगे।
इस दिन प्रदोष काल में की गई खरीदी शुभ व लाभकारी मानी जाती है। इसकी वजह यह है कि धन के देवता कुबेर का प्राकट्य प्रदोष काल में शाम के वक्त होना माना गया है। शास्त्रों में भी प्रदोष व्यापिनी धनतेरस का खास महत्व बताया गया है। इस दिन शुभ-अमृत योग का संयोग भी पर्व को शुभता प्रदान करेगा।
ज्योतिषाचार्य पं. सतीश सोनी ने बताया कि धनतेरस पर शाम के समय लक्ष्मी और कुबेर की पूजा व यम दीपदान के साथ ही खरीदी के लिए भी श्रेष्ठ समय रहेगा। वैसे धनतेरस अबूझ मुहूर्त वाला दिन होता है, पूरे दिन खरीदी की जा सकती है। इस दिन चांदी और पीतल के बर्तन, चांदी के सिक्के व चांदी के गणेश तथा लक्ष्मी प्रतिमाओं की खरीदी करना शुभ व समृद्धिकारक होता है।
धनतेरस पर बर्तन खरीदी का विशेष महत्व
धनतेरस के दिन ही भगवान धनवंतरी समुद्र से कलश लेकर प्रकट हुए थे। कलश को बर्तन का प्रतीक मानकर तभी से बर्तन का संबंध इस पर्व से जुड़ गया है। देव धनवंतरी के अलावा इस दिन, देवी लक्ष्मी जी और धन के देवता कुबेर के पूजन की परम्परा है।
दीपावली तक खरीदी के लिए 11 दिन होंगे यह संयोग
19 अक्टूबर सर्वार्थ सिद्धि योग
20 अक्टूबर रवियोग
21 अक्टूबर रवियोग
22 अक्टूबर त्रिपुष्कर योग
23 अक्टूबर रवि पुष्य महासंयोग
28 अक्टूबर धनतेरस, अमृत योग
29 अक्टूबर रूपचौदस, सर्वार्थ सिद्धी योग
30 अक्टूबर दीपावली महालक्ष्मी पद्म योग