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आईएनएस अरिहंत ने बढ़ाई भारत की ताकत, भारतीय नौसेना में हुआ शामिल

आईएनएस अरिहंत ने बढ़ाई भारत की ताकत, भारतीय  नौसेना में हुआ शामिल
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नई दिल्‍ली | भारतीय नौसेना की ताकत में अब और इजाफा हो गया है। भारतीय नौसेना में गुप्‍त तरीके से नई स्‍वदेशी परमाणु पनडुब्‍बी आईएनएस अरिहंत को शामिल कर लिया गया है। आईएनएस अरिहंत देश में निर्मित पहली न्यूक्लियर आर्म्ड सबमरीन है और इसे नेवी में शामिल कर लिया है। बता दें कि इस सबमरीन को इसी साल अगस्त में नेवी के बेड़े में शामिल किया गया। एक रिपोर्ट के अनुसार, अब भारत दुनिया का छठा ऐसा देश बन चुका है जिसने खुद न्यूक्लियर आर्म्ड सबमरीन का निर्माण किया है।

इस सबमरीन के काम शुरू करने के बाद अब भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शुमार हो चुका है, जिनके पास हवा, जमीन और पानी से न्यूक्लियर मिसाइलों को दागने की क्षमता है। भारत एेसी तीन सबमरीन का निर्माण कर रहा है, जिनमें से अरिहंत पहली है। इसे दुनिया से छिपा कर रखा गया था।

भारत की यह स्‍वदेशी पनडुब्‍बी रूस के मदद से बनी है। 6 हजार टन की आईएनएस अरिहंत 83 मेगावाट के प्रेशराइज्‍ड लाइट वाटर न्‍यूक्‍लीयर रिएक्‍टर से ताकत प्राप्‍त करती है। इस प्रोजेक्‍ट को बनाने का काम 1980 के एडवांस टेक्‍नोलॉजी वेसल के तकत शुरू किया गया था और यह 2009 में तत्‍कालीन पीएम मनमोहन सिंह द्वारा लॉन्‍च की गई थी। उसके बाद से ही इसके ट्रायल चल रहे थे।

आईएनएस अरिहंत बेहद एडवांस पनडुब्‍बी है और यह 700 किमी तक की रेंज में हमला कर सकती है। इसे के-15 मिसाइल से लेस किया जाएगा। इसके नौसेना में शामिल होने के बाद सेना की ताकत में इजाफा होगा। हालांकि इसे पूरी तरह से 'नो फर्स्‍ट यूज' की नीति के तहत बनाया गया है। इसका मतलब भारत पर अगर परमाणु हमला होता है तो भारत इसका जवाब दे सकता है।

इस सबमरीन की क्षमता यह भी है कि पानी के अंदर से किसी भी एयरक्राफ्ट को निशाना बना सकता है।

Updated : 18 Oct 2016 12:00 AM GMT
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