उपयंत्रियोंकी क्षमताओं का होगा सही उपयोग

ग्राम पंचायतों की सेक्टर से कम होगी दूरी
ग्वालियर। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की अपर मुख्य सचिव श्रीमती अरुणा शर्मा के निर्देश पर उपयत्रिंयों के सेक्टरों का पुनर्निर्धारण किया जाएगा। इसका प्रमुख कारण यह बताया जा रहा है कि कुछ सेक्टरों में ग्राम पंचायतों की संख्या कम है, तो कुछ में अधिक, इन्हें एक सामान करने के लिए युक्तीयुक्तकरण किया जा रहा है। सेक्टरों में पंचायतों के असमान्य वितरण से अन्य कार्य भी प्रभावित होते हैं।
विभाग से जुड़े सूत्र बताते हैं कि अभी बहुत से जिलों एवं विकासखण्डों में एक सेक्टर में कहीं छह से आठ ग्राम पंचायतें हैं, तो कहीं 12 से 15 ग्राम पंचायतें हैं, जिससे जहां एक उपयंत्री कम दूरी तय कर कम ग्राम पंचायतों में काम करता है वहीं दूसरा अधिक ग्राम पंचायतों में अधिक दूरी तय कर कार्य करता है, जिससे एक उपयंत्री तो समय सीमा में कार्य पूर्ण कर लेता, लेकिन दूसरा पिछड़ जाता है। इससे समय-सीमा में कार्य न कर पाने वाले उपयंत्री को अधिकारियों की उपेक्षा का शिकार होना पड़ता है, जिससे उपयंत्रियों की कार्य क्षमता पर भी असर पड़ रहा है। इसको देखते हुए अपर मुख्य सचिव ने सेक्टरों का युक्तीयुक्तकरण कराने का निर्णय लिया है। देखा गया है कि एक सेक्टर में 12 से 15 ग्राम पंचायतों के बीच 15 से 20 किलोमीटर की दूरी तय करना पड़ती है। वहीं कुछ उपयंत्रियों को महज आठ से दस ग्राम पंचायतों के भ्रमण करने में दस से 12 किलोमीटर की दूरी ही तय करना होती है।
लेकिन अब ऐसा नहीं होगा
अब नवीन निर्देश में प्रत्येक विकासखण्ड के प्रत्येक सेक्टर में 8 से 10 ग्राम पंचायतें एवं सेक्टर मुख्यालय से उनकी दूरी 10 किलोमीटर की परिधि में रखी जाएगी। इससे एक ओर जहां सेक्टर की पंचायतों की संख्या बराबर होगी तो वहीं दूसरी ओर प्रत्येक उपयंत्री पर कार्यभार लगभग सामान होगा।
बेहतर होगी कार्य क्षमता
सेक्टरों का युक्तीयुक्तकरण इस उद्देश्य से किया जा रहा है, ताकि सेक्टर में संलग्न ग्राम पंचायतों की दूरी दस किलोमीटर की परिधि में ही रहे। इसके अलावा आठ से दस ग्राम पंचायतें एक सेक्टर में होने से उपयंत्रियों पर काम का दबाव कम होगा, जिससे उनकी कार्य प्रणाली में भी अंतर आएगा और वह बेहतर ढंग से अपने कार्य का क्रियान्वयन कर सकेंगे।
समस्त जिलों से जुटाई जा रही है जानकारी
युक्तीयुक्तकरण का काम जोरों पर शुरू कर दिया गया है। इसके लिए प देश के सभी जिलों से राज्य शासन के आदेश पर जानकारियां जुटाई जा रही हैं। इससे शासन को एक अन्य लाभ यह होगा कि सेक्टरों के युक्तीयुक्तकरण से उपयंत्रियों की क्षमताओं का उपयोग बेहतर तरीके से किया जा सकेगा।
इनका कहना है
इस कार्य में अभी समय लगेगा, पर हां कुछ सेक्टरों पर भार अधिक है तो कुछ पर कम है, जिससे जिन पर अधिक काम है, वहां पर परेशानियां आती हैं। इन परेशानियों को ध्यान में रखते हुए ही यह कार्य आने वाले समय में किया जा सकता है।
श्री आर्य, अतिरिक्त कमिश्नर (मनरेगा)
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, भोपाल