राजस्व मंडल को मिला 'आईएसओ'
शीघ्र ही आएगा मोबाइल एप्प, वेबसाइट पर देख सकेंगे आदेश
ग्वालियर। जिलाधीश कार्यालय के बाद ग्वालियर में संचालित एक और कार्यालय को आईएसओ ने मान्यता प्रदान की हैं। राजस्व मंडल के अध्यक्ष मनोज गोयल ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि आईएसओ का एक दल अगस्त माह के पहले सप्ताह मे ंआया था और निरीक्षण करने के बाद राजस्व मंडल को आईएसओ की मान्यता दी। उन्होंने कहा कि आईएसओ उत्कृष्टता का मापदंड है, ऐसे में इसे प्राप्त करना हमारे लिए बड़ी उपलब्धि है।
मोतीमहल स्थित राजस्व मंडल कार्यालय में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए श्री गोयल ने बताया कि पूर्व में हमने कार्यालय की व्यवस्थाओं को बेहतर कर आईएसओ दल से निरीक्षण के लिए आग्रह किया था। निरीक्षण के दौरान दल को कुछ कमियां मिली थीं। जिसे बाद में राजस्व मंडल के अधिकारियों ने दूर कर लिया। दूसरी बार जब आईएसओ का दल निरीक्षण करने आया तो उन्हें साफ-सफाई, महिला-पुरुष के लिए पृथक से शौचालय, बैठने की व्यवस्था, अलमारियों में वर्षानुसार रखी फाइलें देखने को मिली जिस पर संतुष्टि जताते हुए 24 अगस्त 2015 को राजस्व मंडल को आईएसओ की मान्यता दी गई। उक्त मान्यता तीन साल के लिए दी गई है।
उच्च् न्यायालय की राह पर राजस्व मंडल
कार्य में पारदर्शिता के मामले में राजस्व मंडल अब मप्र उच्च न्यायालय की राह पर चलता दिख रहा है। राजस्व मंडल के अध्यक्ष श्री गोयल ने बताया कि राजस्व न्यायालय के सभी निराकृत प्रकरणों की जानकारी व आदेश ऑनलाइन किए जाएंगे ताकि कोई भी उक्त आदेश को देख सके। पूर्व में आदेश को केवल संबंधित व्यक्ति ही देख पाता था। उन्होंने बताया कि अतिशीघ्र ही एक मोबाइल एप्प भी विकसित किया जा रहा है। जिसे स्मार्टफोन में डाउनलोड किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि राजस्व मंडल की वेबसाइट भी प्रतिदिन अपलोड होती है और उसमें निराकृत प्रकरणों के आदेश ऑनलाइन देखे जा सकते हैं। इसके साथ ही वेबसाइट पर सर्किट बेंच व प्रकरणों की सूची की भी जानकारी देखी जा सकती है।
10,000 प्रकरण लंबित
एक सवाल के जवाब में श्री गोयल ने बताया कि राजस्व मंडल में दस हजार से अधिक प्रकरण लंबित है। इनकी संख्या कम करने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसके साथ-साथ राजस्व मंडल अब क्वालिटी ऑफ जजमेंट्स पर भी ध्यान दे रहा है।