झांसी। 23 नवम्बर सांस्कृतिक एकता दिवस पर विविधता में एकता की भारतीय परम्परा के साथ बुन्देलखण्ड की संस्कृति को प्रस्तुत करने और सांस्कृतिक संरक्षण तथा देश, समाज व जाति की अखण्डता को बढ़ावा देने के लिये वृहद स्तर पर सांस्कृतिक समारोह का आयोजन किया जाएगा। उक्त कार्यक्रम की घोषणा मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार ने जिला एकीकरण समिति की बैठक में विकास भवन सभागार में उपस्थिति समस्त समिति के सदस्यों के समक्ष की, उन्होने यह भी कहा कि महान विभूतियों के जन्म दिवस व जयंती पर होने वाले कार्यक्रम जहां एक ओर हमारी क्षेत्रीय परम्परा से जुड़े होंगे वहीं वह शिक्षाप्रद भी होंगे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये अध्यक्ष जिला पंचायत श्रीमती मीरा विष्णु राय ने कहा कि जिला एकीकरण की बैठक नियमित हो ताकी सदस्यों में आपसी जुड़ाव रहे। उन्होने जनपद में महानविभूतियों के स्मृति चिन्हों व मूर्तियों को साफ सुथरा रखे जाने की भी बात कही।
मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रीय एकीकरण समिति का उद्देश्य राष्ट्रीय एकता, भाईचारा, धर्म निरपेक्षता एवं लोकतंत्र की भावना बढ़ाने तथा साम्प्रदायिक एकता एवं सौहार्द पूर्व वातावरण निरंतर कायम रखने हेतु विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कराया जाना है, जिसमें सभी उम्र के, सभी धर्म के लोग प्रतिभाग कर सके। उन्होने बैठक में 31 अक्टूबर सरदार वल्लभ भाई पटेल के जन्म दिवस पर सद्भावना दिवस, 19 नवम्बर को रानी लक्ष्मीबाई के जन्मदिवस पर एकता दिवस तथा 19 से 25 नवम्बर तक राष्ट्रीय कौमी एकल सप्ताह मनाये जाने हेतु सदस्यों से सुझाव मांगे, ताकी कार्यक्रम भव्य हो सके। उन्होने इस अवसर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कार वितरण की जिम्मेदारी भी सदस्यों को दी। सुझाव देते हुये मोहन नेपाली ने कहा कि डा. राम मनोहर लोहिया के जन्म दिवस पर भी कार्यक्रम आयोजित हों। उन्होने समरसता को एक सूत्र में बांधने वाले कार्यक्रम कराये जाने पर जोर दिया। उन्होने सुझाव दिया कि रानी झांसी का ताजिया बनाने वाले का सम्मान हो तथा रानी का राजदण्ड झांसी लाया जाये जो कुमांऊ रेजीमेन्ट के पास है। हरगोविंद कुशवाहा ने कहा कि विगत वर्ष झांसी महोत्सव न आयोजित होने पर ग्रामीण क्षेत्र के कलाकार जो अनेक बुन्देलखण्डी विधाओं के पारंगत है उनके लिये एक कार्यक्रम आयोजित हो तथा उन्हें उनकी कला के लिये सम्मानित भी किया जाए। सांसद प्रतिनिधि डा.जगदीश सिंह चौहान ने कहा कि यह हमारी विडम्बना है कि महापुरुषों को जाति, धर्म व वर्गों में बांट दिया है। ऐसा नहीं होना चाहिए सभी को मिलकर कार्यक्रम का हिस्सा बनाना चाहिये।
सांस्कृतिक एकता दिवस पर होंगे समारोह
Updated : 2015-09-01T05:30:00+05:30
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