ध्वनि प्रदूषण रोकने एकजुट हुआ शहर

सामाजिक संगठनों की संयुक्त कार्यशाला में बनी रणनीति

ग्वालियर | सीनियर सिटीजन डे-केयर सेंटर कम्पू पर सोमवार को पुलिस एवं प्रशासन के आला अधिकारियों व धर्मगुरूओं की उपस्थिति में 'ध्वनि प्रदूषण के मानव जीवन पर कुप्रभाव' विषय पर आयोजित कार्यशाला में शहर विभिन्न सामाजिक, सांस्कृतिक संगठनों, जिला शांति समिति आदि के सदस्यों ने संकल्प लिया कि वे नगर को ध्वनि प्रदूषण से मुक्त कराने एवं इसके लिए व्यापक स्तर पर जनचेतना जागृत करने के अभियान में आज से ही जुट जाएंगे। वरिष्ठ नागरिक सेवा संस्थान, द्वारा आयोजित इस कार्यशाला में उपस्थित सैकड़ों बुजुर्गों व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने हाथ उठाकर संकल्प लिया कि आगामी सप्ताहों में आयोजित होने वाले गणेशोत्सव एवं दुर्गात्सव में धार्मिक आयेाजनों में अनियंत्रित कोलाहल नहीं होने देंगे। पीओपी की मूर्तियों के बजाए सिर्फ मिट्टी से बनी प्रतिमाओं को ही स्थापित करेंगे, कटोराताल जैसे नगर के जलाशयों को गंदा नहीं होने देंगे।
स्ंात कृपालसिंह महाराज के मुख्यातिथ्य, शहर काजी अब्दुल हमीद कादरी की अध्यक्षता, पुलिस अधीक्षक हरिनारायणाचारी मिश्रा, नगर निगम आयुक्त अजय गुप्ता के विशेष सानिध्य में आयोजित कार्यशाला में अतिथि व विशेषज्ञ वक्ताओं ने ध्वनि प्रदूषण के कारणों एवं इसकी सुनियोजित रोकथाम के उपायों पर उपयोगी विचार व्यक्त किए। निगम आयुक्त अजय गुप्ता ने कहा कि भारतीय धार्मिक परंपरा तो आत्मचिंतन-मनन की प्रेरणा देती है, इसमें कोलाहल का प्रवेश कब से हो गया।
धार्मिक उत्सवों में शोरशराबा कर हम अपने चित्त को ही अशांत कर रहे हैं। पुलिस अधीक्षक श्री हरिनारायाणाचारी मिश्रा ने अपने सारगर्भित उद्बोधन में कहा कि तलवारों से ज्यादा ध्वनि की चोट ज्यादा समय तक अपना असर दिखाती हैे। उन्होंने सभी धार्मिक आयोजन समितियों से करबद्ध आग्रह किया कि वे ध्वनि प्रदूषण कर अपने उत्सवों को विद्रूप स्वरूप न दें।
ऑटो चालकों को किया जाएगा सम्मानित
कार्यशाला का संचालन कर रहे संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष भूपेन्द्र जैन ने घोषणा की कि अब से प्रत्येक तीन माह में जिम्मेदार एजेंसियों के अधिकारियों के पास जाकर पूछा जाएगा कि उन्होंने ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए क्या कदम उठाए। हर माह ऐसे पांच ऑटोचालकों को सम्मानित किया जाएगा जो ध्वनि प्रदूषण रोकने में सहयोगी बनेंगे। कार्यशाला में जिला शांति समिति के सदसयों अमरसिंह माहौर, एबिल एबस्ट्रोक्स, बसंत गोडयाले, विनायक गुप्ता, एमएल अरोरा आदि ने भी विचार रखे। इस मौके पर कस्तूरबा विश्रांतिभवन न्यास के मैनेजिंग न्यासी विनोद शर्मा एड.आदि उपस्थित थे। अंत में आभार पवन दीक्षित ने व्यक्त किया।

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