नगर निगम मुख्यालय, कांगे्रस पार्षदों ने उठाए सवाल

अनियमितताओं की कीलें, भ्रष्टाचार का रंग


ग्वालियर, विशेष संवाददाता। सिटी सेंटर स्थित नगर निगम भवन के निर्माण में धांधलियों को लेकर सवालों की बारिश होने लगी है। इस भवन में जहां अनियमितताओं की कीलें ठोकी गई हैं तो वहीं कोटा स्टोन पर भ्रष्टाचार का लाल रंग उड़ेल दिया है। विपक्षी पार्षदों ने कतिपय अधिकारियों पर आरोप लगाया है कि उनके द्वारा मूल प्राक्कलन के विपरीत जाकर करोड़ों की वित्तीय अनियमितताएं बरती गईं हैं।
निगम के पूर्व महापौर स्व.नारायण कृष्ण शेजवलकर की स्मृति में तैयार किए गए नगर निगम के नए भवन को जब लोग बारीकी से देख रहे हैं तो उनका चौंकना स्वाभाविक है, क्योंकि इस भवन की बाहरी दीवार पर कहने के लिए कोटा स्टोन का उपयोग करना बताया गया है ,लेकिन निगम अधिकारियों और ठेकेदार ने अपनी गलती छुपाने के लिए उसे बुरी तरह से कील दिया है। देखने पर भवन के बाहर कीलें ही कीलें नजर आती हैं। इतना ही नहीं अगर बाहरी दीवार पर सेंड स्टोन का उपयोग किया गया है तो लाल रंग से उसकी पुताई क्यों कराई गई? इसे लेकर निगम अधिकारियों के अपने तर्क हैं। सिटी प्लानर पवन सिंघल इसे सुरक्षा कवच बताते हैं तो क्षेत्रीय उपायुक्त (दक्षिण) अरविंद चतुर्वेदी ने तो इस मामले से पल्ला ही झाड़ लिया। निगम के प्रशासनिक भवन को लेकर निगमायुक्त भी सवालों के घेरे में हैं। वैसे यह भी सही है कि भवन का निर्माण वर्तमान निगमायुक्त अजय गुप्ता के पहले का है। हालांकि अब जवाब तो उन्हें ही देना होगा।
लोक मंत्रणा में की शिकायत
नवीन भवन को लेकर कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष कृष्णराव दीक्षित ने अपने साथी पार्षदों के साथ गुरुवार को महापौर की लोक मंत्रणा में इस भवन के निर्माण में बरती गईं अनियमितताओं को लेकर सवाल खड़े किए हैं।


ज्ञापन में उठाई यह बातें
*भवन के मूल प्राक्कलन में परिवर्तन कर कई अन्य प्राक्कलन जोड़कर विभिन्न कार्य कराए गए,प्रशासनिक भवन निर्माण का अंतिम बिल भुगतान से पहले अतिरिक्त फाइलें क्यों और किसके आदेश से तैयार कराई गईं।
* भवन के मूल प्राक्कलन में अलग-अलग फ्लोर, अलग-अलग मीटिंग हॉल, एवं विभागीय चेंबर का प्रावधान था। लेकिन कतिपय अधिकारियों ने अनावश्यक चेंबरों एवं पार्टीशन के लेआउट में बार-बार परिवर्तन करा डाला जिससे भवन में हवा, पानी एवं प्रकाश की व्यवस्था लगभग समाप्त हो गई।
४प्रशासनिक भवन के बाहर मूल प्राक्कलन में केवल प्लास्टर का प्रावधान किया गया था। इसे बदलकर लाल पत्थर (सेंड स्टोन)लगाया वह भी खराब किस्म का। इसी खराबी को छिपाने के लिए बाद में पुताई करा डाली। इस पूरे खेल में लाखों की क्षति हुई है। कांग्रेस ने भवन के अंदर प्रवेश द्वार पर घटिया किस्म के ग्रेनाइट के उपयोग किए जाने का भी आरोप लगाया है।


इन्होंने कहा


नेता प्रतिपक्ष कृष्णराव दीक्षित का ज्ञापन उन्हें प्राप्त हुआ है। चंूकि भवन का सारा निर्माण कार्य उनके समय का नहीं है। इसीलिए ज्ञापन का अध्ययन करने के बाद ही कोई टिप्पणी की जा सकेगी।
विवेक शेजवलकर, महापौर

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