इतिहास में दर्ज हो गई डीआरसी

आखिरी बार सबलगढ़ के लिए हुई रवाना, कांग्रेसी देंगे आज धरना, पुतला दहन किया

ग्वालियर। 111 साल से यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने वाली डीआरसी ट्रेन रविवार को अंतिम वार सबलगढ़ के लिए रवाना हुई। रविवार को जब डीआरसी रवाना हो रही थी तब मौके पर रेलवे के सभी सम्बधित अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे। इन सभी के बीच चर्चा का विषय डीआरसी की अंतिम विदाई रही। वहीं जो यात्री ट्रेन में बैठकर सबलगढ़ के लिए रवाना हुए। उन यात्रियों में अन्य दिनों की अपेक्षा आज कुछ अलग ही माहौल नजर आया। रविवार को इतिहास के पन्नों में दर्ज होने जा रही डीआरसी में यात्रा करने के लिए लालायत दिखे। यह लोग जब गाड़ी में यात्रा करने के लिए पहुंचे तो कुछ यूं गाड़ी को घूर रहे थे मानो उनका कोई अपना आज उनसे बहुत दूर जाने वाला हो। ट्रेन में सवार यात्रियों के बीच भी चर्चा का विषय डीआरसी का बंद होना ही रहा। कुछ लोग उसे छूकर अहसास कर रहे थे। वहीं लोग जब ट्रेन में सवार हुए तो वह गाड़ी के हर स्थान पर जा-जा कर उसका अहसास करने का प्रयास कर रहे थे। मानो उनका कोई अजीज उनसे बिछुडऩे वाला हो। यात्रियों का जहां 111 वर्ष पुरानी ट्रेन के प्रति लगाव देखने को मिला तो वहीं रेलवे के इस निर्णय के पीछे रोष भी नजर आया। वहीं ट्रेन को संचालन में आने वाले संटर,पॉइन्ट मैन,गार्ड एवं चालकों में भी कुछ इसी प्रकार का भाव दिखाई दिया। जहंा प्रतिदिन गाड़ी को स्टेशन से रवाना करना वह अपनी ड्यूटी(काम) मानते थे। रविवार को ऐसा लग रहा था कि मानो यह लोग किसी अपने को छोडऩे के लिए स्टेशन पर पहुंचे हों। यह लोग आज अपनी आंखो में एतिहासिक ट्रेन को रवाना होते हुए छणों को हमेशा के लिए सजोकर रखने का प्रयास कर रहे थे।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 1904 में महाराजा माधव राव द्वितीय द्वारा गाड़ी का निमार्ण करवाया गया था। ग्वालियर से सबलगढ़ होते हुए श्योपुर कला तक 199 किलोमीटर तक रेलवे ट्रेक बिछाया गया था। प्रारम्भ में इस ट्रेक पर मालगाड़ी को हाथी-घोड़ों के लिए घास लाने के लिए उपयोग किया जाता था। दूसरी डीआरसी जो कि पहले लाईट इंजन के साथ चलाई गई थी जिसका प्रयोग महाराज द्वारा शिकार खेलने या पिकनिक मनाने के लिए किया जाता था। आजादी केबाद में इस गाड़ी को यात्रियों के लिए संचालित किया जाने लगा। उसके बाद से लोग अपने गंतव्य पर जाने के लिए इस गाड़ी का उपयोग करते थे। जिस समय पर सबलगढ़ व ग्वालियर से गाड़ी को संचालित की जाता था। वह समय ग्वालियर वासियों के लिए व सबलगढ़ वासियों के लिए उपयुक्त था। सगलगढ़ से चलकर लोग सुबह आ जाते और दोपहर बाद वह वापस लौट भी जाते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं कर सकेंगे। इस ऐतहासिक गाड़ी के बंद होने के विरोध में माक्र्सवादी कम्युनिष्ट पार्टी ने विरोध प्रदर्शन भी किया।
कांग्रेस आज देगी धरना
उधर शहर कांग्रेस कमेटी द्वारा सिंधिया रियासत की धरोहर ग्वालियर-सबलगढ़ डीआरसी के बंद होने के विरोध में प्लेटफार्म नम्बर चार पर धरना दिया जाएगा। शहर अध्यक्ष डॉ.दर्शन सिंह ने धरना देने के लिए सभी कार्यकर्ताओं को प्लेटफार्म पर पहुंचने की अपील की है। पार्टी कार्यकर्ताओं ने रविवार को डीआरसी बंद किए जाने के विरोध में रेल मंत्री का पुतला दहन किया।

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