पांच लाख लोग अब भी खुले में शौच के लिए विवश
जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में 1.14 लाख घरों में नहीं हैं शौचालय
ग्वालियर। निर्मल भारत अभियान के तहत गुजरे एक दशक में ग्वालियर जिले में महज 19 हजार ही शौचालय बन सके हैं, जबकि इसके बाद दो अक्टूबर 2014 से प्रारंभ किए गए स्वच्छ भारत अभियान के तहत कराए गए एक सर्वे के अनुसार ग्वालियर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में 1.14 लाख घरों में शौचालय नहीं है। एक परिवार में यदि चार से पांच लोग ही मान लिए जाएं तो वर्तमान में लगभग पांच लाख लोग खुले में शौच के लिए जाने को विवश हैं।
निर्मल भारत अभियान वर्ष 1999 में प्रारंभ किया गया था, जिसके अंतर्गत घरों में शौचालय निर्माण की जिम्मेदारी लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को सौंपी गई थी, लेकिन जब इसमें कोई आशा जनक प्रगति सामने नहीं आई तो इस अभियान की कमान पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को सौंपी गई, लेकिन केन्द्र की तत्कालीन कांग्रेस नीत संप्रग सरकार द्वारा पर्याप्त बजट नहीं मिलने से इसमें आशातीत प्रगति नहीं आई। इसके चलते इस अभियान के अंतर्गत वर्ष 2014 तक जिले में लगभग 19 हजार ही शौचालय बन पाए हैं, लेकिन पिछले साल आम चुनाव बाद जब केन्द्र में भाजपा की सरकार बनी और फिर गांधी जयंती दो अक्टूबर को इस योजना का नाम बदल कर स्वच्छ भारत अभियान किया गया। इसके बाद अपै्रल 2015 से इस अभियान की प्रक्रिया में भी कई बदलाव किए गए, जिसके फलस्वरूप शनै: शनै: इस अभियान में प्रगति अवश्य देखने में आ रही है।
पिछले साल भी अधूरा रहा लक्ष्य
जानकारी के अनुसार पिछले साल 2014-15 में जिले में 12 हजार घरों में शौचालयों का निर्माण कराने का लक्ष्य तय किया गया था, लेकिन 8184 घरों में ही शौचालय बन पाए। इस साल 2015-16 में जिले में 19 हजार 435 घरों में शौचालयों का निर्माण कराने का लक्ष्य तय किया गया है। इसके विरुद्ध पिछले दो माह अपै्रल व मई में 551 शौचालय बन चुके हैं।
चालीस ग्राम पंचायतों में रहेगा फोकस
चालू वित्तीय वर्ष में तय लक्ष्य के अनुसार हालांकि जिले की सभी ग्राम पंचायतों में शौचालय बनाए जाएंगे, लेकिन इसके लिए जिले की 40 ग्राम पंचायत का विशेष रूप से चयन किया गया है, जिनमें चारों विकासखंडों की दस-दस ग्राम पंचायतें शामिल हैं। जिन्हें निर्मल ग्राम पंचायत के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा।
सरल हुई प्रक्रिया, बढ़ाई प्रोत्साहन राशि
निर्मल भारत अभियान के अंतर्गत शौचालय निर्माण के लिए प्रोत्साहन राशि नौ हजार मिलती थी, लेकिन स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत अपै्रल 2014 से प्रोत्साहन राशि बढ़ाकर 12 हजार रुपए करने के साथ ही प्रक्रिया भी सरल कर दी गई है। अब शौचालय निर्माण की स्वीकृति का अधिकार ग्राम पंचायत को दिया गया है। हितग्राही को शौचालय के साथ वॉसबेशन और पानी की टंकी का निर्माण भी करना होता है। तत्पश्चात ग्राम पंचायत निर्मित शौचालय के फोटोग्राफ के साथ प्रकरण जनपद पंचातय के माध्यम से जिला पंचायत को भेजती है। इसके बाद महज पांच दिन में हितग्राही के बैंक खाते में प्रोत्साहन राशि 12 हजार रुपए पहुंचा दिए जाते हैं।
इन्होंने कहा
स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत नई व्यवस्था के अनुसार ऑन लाइन पोर्टल के आधार पर अब ग्राम पंचायतों को ही शौचालय निर्माण की स्वीकृति प्रदान करने के अधिकार दिए गए हैं। प्रोत्साहन राशि भी बढ़ाकर 12 हजार रुपए कर दी गई है। शौचालय का निर्माण पूर्ण होने के बाद जनपद पंचायत से सत्यापन कराने के उपरांत प्रोत्साहन राशि सीधे हितग्राही के बैंक खाते में स्थानांतरित कर दी जाती है। पोर्टल में कुछ कमियां सामने आई हैं। इसमें सुधार होना है।
जयसिंह नरवरिया
प्रभारी, स्वच्छ भारत अभियान
जिला पंचायत ग्वालियर