मुंबई। चिक्की खरीदी मामले में की गई खरीदी की किसी भी तरीके से जांच मे दोषी पाए जाने पर मंत्री पद से तत्काल इस्तीफा दे दूंगी। पंकजा मुंडे ने कहा कि उनपर लगे आरोपों के बारे में पक्षनेतृत्व जो निर्णय लेगा वह उन्हें मंजूर रहेगा।
महिला व बालकल्याण मंत्री पंकजा मुंडे ने कहा कि चिक्की खरीदी मामले में उन्होंने किसी भी व्यक्तिविशेष को लाभ पहुंचाने का प्रयास नहीं किया है। जिस ठेकेदार को यह ठेका दिया गया, उसे पिछड़ी सरकार के कार्यकाल में भी काम दिया जाता रहा है। इसी तरह ई टेंडरिंग का आदेश मुख्यमंत्री ने अप्रैल महीने में जारी किया था, जबकि उनके विभाग की ओर यह ठेका फंड लैप्स होने से बचाने के लिए फरवरी -मार्च महीने में ही दे दिया गया था। पंकजा मुंडे ने बताया कि उन्होंने ठेका देते समय वाह्य कीमत पर ध्यान देते हुए चटाई की दर कम कीमत पर तय किया था। इतना ही नहीं उन्होंने ठेका देते समय वितरक व उत्पादक को भी बुलाकर चर्चा किया था। इसी तरह ठेका देने से पहले चिक्की की जांच अहमदाबाद व नाशिक की प्रयोगशाला में करवाई गई थी और समूचे राज्य में एक ही दर पर चिक्की सप्लाई करने का अनुबंध किया गया था। प्लेट सप्लाई करने वाली कंपनी ने अभी तक प्लेट सप्लाई नहीं किया है इसलिए उस कंपनी को नोटिस जारी किया गया है और उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में अगर उनपर २०६ करोड़ रुपए घोटाले का आरोप लगाया जा रहा है तो इसी तरह से ठेका पिछली सरकार के कार्यकाल में दिया गया और ४०८ करोड़ रुपए की खरीदी की गई थी। इसका मतलब अब यह कहा जाए कि पिछली सरकार के कार्यकाल में ४०८ करोड़ रुपए का घोटाला हुआ था। पंकजा मुंडे ने कहा कि इस मामले में घोटाला शब्द का प्रयोग महज सनसनी फैलाने के लिए किया गया है इसलिए आरोप लगाने वाले की विश्वासर्हता देखना भी जरुरी है।
हर तरह की जांच को तैयार पंकजा मुंडे
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Updated : 2015-07-01T05:30:00+05:30
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