आर्थिक विकास के लिए निजी क्षेत्र का निवेश जरूरी: जेटली

आर्थिक विकास के लिए निजी क्षेत्र का निवेश जरूरी: जेटली
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सैन फ्रांसिस्को| भारत में व्यवसाय के लिए वैश्विक स्तर का माहौल बनाने का वादा करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि निवेशकों को आकर्षित करने के लिए देश के भूमि, श्रम और कराधान क्षेत्र में सुधार बेहद जरूरी हो गये हैं। जेटली ने कहा कि सरकार सुधारों को लेकर प्रतिबद्ध है। उन्होंने विदेशी निवेशकों की चिंताएं दूर करनेके लिए परामर्श की स्थायी व्यवस्था का भी वादा भी किया। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने विभिन्न कर सुधारों पर अमल शुरू कर दिया है।
जेटली ने कहा, कर नीति में आक्रामकता शांत हुई है, कराधान का ढांचा ज्यादा अनुकूल हुआ है और पहले की तुलना में इसमें विरोधभाव बहुत घट गया है। उन्होंने कहा, भूमि, श्रम और कराधान - ये तीन ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें सुधार बेहद आवश्यक हैं। कई निवेशकों ने इसका जिक्र किया है।
जेटली ने कहा, जहां तक कराधान का सवाल है, भारत में काफी सकारात्मक प्रगति हो रही है, कंपनी कर को बहुत प्रतिस्पर्धी बनाया जा रहा है। अब जीएसटी (माल और सेवा-कर) और निवेश की कुछ अन्य योजनाए पेश आने वाली है। इसलिए एक संतोष का भाव है। अपनी सात दिन की अमेरिका यात्रा समाप्त करते हुए जेटली ने कहा कि निवेशकों ने कई सुझाव दिए जो वह साथ लिए जा रहे हैं। इस दौरान उन्होंने बड़ी संख्या में विदेशी निवेशकों और अमेरिकी सरकार के प्रतिनिधियों से बात की।
उन्होंने कहा, हमे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी व्यवस्था सुलभ करानी है जिसके तहत कारोबार सुगम हो और कराधान का स्तर पूरी तरह प्रतिस्पर्धी हो। निवेशक स्थिरता चाहते हैं। वे अनिश्चितता पसंद नहीं करते। जेटली ने कहा कि इस समय नरमी के दौर से गुजर रही वैश्विक अर्थव्यवस्था के बीच भारत अपने उच्च वृद्धि दर की संभावनाओं के साथ अलग नजर आ रहा है।
उन्होंने कहा, भारत में उल्लेखनीय स्तर का राजकोषीय अनुशासन बरता गया है। कई क्षेत्र विदेशी निवेश के लिए और अधिक खोले गए हैं। बुनियादी ढांचे में निवेश की विशाल संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा, मुझे लगता है भारत के लिए फायदे की बात यह है कि जब सारी दुनिया नरमी की शिकार है और निवेश के बहुत अधिक मौके नहीं दिख रहे हैं तो भारत एक अच्छे अवसर तौर पर अलग दखि रहा है। वित्त मंत्री ने कहा, इसलिए यदि हम सुधार की यात्रा जारी रखते हैं और कारोबार के लिए सुगमता बढ़ाते हैं तो मुझे लगता है कि इससे भारत के लिए बड़े असर मिलेंगे।

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