भिण्ड। सीताराम की लावन में ओला पीडि़त किसानों की फसलों के नुकसान का ठीक से सर्वे नहीं हुआ है, जिसको लेकर यहां के किसान मेहगांव के तत्कालीन एसडीएम से कई बार गुहार कर चुके हैं, लेकिन उनका किसानों के प्रति रवैया ठीक नहीं होने से अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। यहां के लोग जिलाधीश को भी जनसुनवाई के माध्यम से व ज्ञापनों के माध्यम से अवगत करा चुके हैं।
सीताराम की लावन के किसानों का प्रतिनिधि मण्डल आज पुन: जिलाधीश से मिला ओर ओला पीडि़तों की क्षति का आकलन नहीं होने के लिए जिम्मेदार एसडीएम व पटवारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। ज्ञापन में कहा गया है कि अनुविभागीय अधिकारी मेहगांव द्वारा भेजे गए सर्वे दल ने क्षति के आकलन में भेदभाव किया है। जिन किसानों ने सुविधा शुल्क देने से इंकार कर दिया, उनकी क्षति का आकलन नहीं किया गया। क्षति आंकलन एवं राहत सूची भी आज तक गांव में सार्वजनिक नहीं कह गई है। वहीं पटवारी द्वारा किसानों को धमकी दी जा रही है कि ज्यादा नेतागीरी करोगे तो सरकारी कामकाज में बाधा का मुकद्दमा दर्ज करा दूंगा।
किसानों ने बताया कि सीताराम की लावन से सटे मौजा एमनपुरा एवं श्यामपुरा में गेहूं व चना की फसलों को क्षतिग्रस्त माना गया है, जबकि उनके गांव को छोड़ दिया गया है। किसानों द्वारा ज्ञापन की प्रति मुख्यमंत्री शिवराज सिंह व प्रभारी मंत्री मायासिंह को भी भेजी गई है, जिसमें मौजा पटवारी व तत्कालीन एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है तथा ओला पीडि़त किसानों की फसल क्षति का सही आकलन कर मुआवजा दिलाने की मांग की है। ज्ञापन देने वालों में राधामोहन शर्मा, विशंभर सिंह, हरिओम शर्मा, बृजमोहन शर्मा शामिल हैं।
सीताराम की लावन में नहीं मिली किसानों को राहत
Updated : 2015-06-02T05:30:00+05:30
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