नकली दूध बनाने की सामग्री जब्त, आरोपी छोड़े आरोपी छोड़े
गोहद सहित आसपास के गांवों में बनाया जा रहा था सिंथेटिक दूध व मावा
गोहद। प्रशासनिक अधिकारियों ने गोहद चौराहा स्थित एक व्यापारी के गोदाम पर औचक छापा मारकर नकली दूध बनाने की सामग्री जब्त की, लेकिन अधिकारियों के पीठ फेरते ही गोहद चौराहा पुलिस ने पकड़े गए व्यापारी को छोड़ दिया। इससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।
विदित रहे कि गोहद और आसपास के गांवों में डेयरी संचालक नकली दूध व मावा का कारोबार खुलेआम कर रहे हैं। यह नकली दूध व मावा गोहद के आलावा गोहद से बाहर ग्वालियर, आगरा व दिल्ली जैसे बड़े शहरो में वाहनों के माध्यम से आपूर्ति किया जा रहा है, लेकिन अभी तक दूध व मावा के नाम पर जहर बचेने वालों पर प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। जब एसडीएम उमा करारे को इसका पता चला तो उन्होंने खाद्य विभाग के अधिकारी दिनेश लोधी व आनंद शर्मा, एसडीओपी अमरनाथ वर्मा, थाना प्रभारी गोहद सुनील खैमरिया के साथ एक व्यापारी के गोदाम पर छापामार कार्यवाही करते हुए ग्लूकोज, रिफाइंड, डिटर्जेन्ट, तेजाब, सरसों का तेल जब्त कर गोदाम सील कर नमूने निकालकर जांच के लिए भोपाल लैब में भेज दिए ओर गोदाम की चाबी थाना प्रभारी गोहद सुनील खैमरिया को सौंप दी गई तथा आरोपी व्यापारी पवन सांवला व मौनू को पुलिस के हवाले कर दिया, लेकिन पुलिस ने देर रात आरोपियो को छोड़ दिया।
ऐसे बनाया जाता है नकली दूध
दूध में से क्रीम निकालने के बाद बचे हुए दूध में पानी मिलाया जाता है। इस दूध में सफेदी व झाग पैदा करने के लिए डिटर्जेन्ट, बसा बढ़ाने के लिए रिफाइंड व तेल और मिठास पेदा कराने के लिए ग्लूकोज पाउडर मिलाया जाता है तथा फैट बढ़ाने के लिए डिस्ट्रीन हाइड्रोजन कैमिकल डाला जाता है। बाद में इसे मशीन से अच्छी तरह मिलाकर नकली दूध तैयार हो जाता है। इसी दूध को गावों में ले जाकर मावा तैयार किया जाता है।
नपा कर्मचारी का हाथ झुलसा
गौतम नगर स्थित गोदाम पर कार्यवाही के दौराम एसडीएम श्रीमती उमा करारे ने गोदाम खुलवाया और अपने दल के साथ अन्दर पहुंची। गोदाम में काफी कैन रखी हुई थीं। नगर पालिका कर्मचारी पप्पू गुर्जर ने चैक करने के लिए कैन का ढक्कन हटाया। इसी दौरान कैन में रखे तेजाब से कर्मचारी का हाथ झुलस गया।
बेटरी बनाने वालों को भी करते थे आपूर्ति
गोहद से मिला तेजाब बहुत हार्ड है। व्यापरी ने एसडीएम को सफाई देते हुए बताया कि वह इसे बेटरी का काम करने वालों को आपूर्ति के लिए मंगाता है। जब श्रीमती करारे ने कहा कि हमें सूचना मिली है कि तेजाब दूध डेयरी वालों को भी दिया जाता है तो उसने कबूल किया कि वह डेयरी वालों को भी साफ-सफाई के लिए तेजाब की आपूर्ति करता है।
इनका कहना है
कार्यवाही का प्रतिवेदन बनाकर जिलाधीश को भेज दिया गया है। लोगों की सेहत से खिलवाड़ करने वालों को बक्शा नहीं जाएगा।
उमा करारे, एसडीएम, गोहद
गोदाम से ग्लूकोज, रिफाइंड व तेजाब के नमूने लिए गए हैं। इसका उपयोग किस तरह करते हैं पता नहीं।
दिनेश लोधी, खाद्य सुरक्षा अधिकारी