बीआरजीएफ योजना एक से बंद, चार सैकड़ा कार्य अधूरे

आधा सैकड़ा काम तो अभी शुरू भी नहीं हो पाए
श्योपुर। जिले में बीआरजीएफ योजना के अंतर्गत विभिन्न विभागों के माध्यम से स्वीकृत हुए लगभग चार सैकड़ा कार्यों के अधर में लटकने का संकट गहरा गया है। ऐसा इसलिए कि केंद्र सरकार ने पिछले दिनों योजना को नए वित्तीय वर्ष से बंद करने का निर्णय लिया है, जिसके कारण अब योजना में राशि नहीं मिलेगी, परिणामस्वरूप कुछ कार्य अधूरे रह सकते हैं।
हालांकि विभागीय अधिकारी शेष कार्यों को पूर्ण कराने का दावा कर रहे हैं, जिले में आधा सैकड़ा काम ऐसे हैं जो अभी तक शुरू भी नहीं हो पाए हैं, जबकि योजना बंद होने के कगार पर है।
बताया गया है कि जिले में बीआरजीएफ (बैकवर्ड रीजन ग्रांट फंड) योजना के तहत शुरूआती वर्ष 2006-07 से लेकर चालू वर्ष 2014-15 तक कुल 1259 कार्य स्वीकृत किए गए थे, जिनमें से अभी तक 696 ही पूर्ण हो पाए हैं। जबकि 398 आज भी अधूरे ही पड़े हुए हैं। विशेष बात यह है कि 53 काम आज भी योजना के ऐसे हैं, जिनका निर्माण शुरू होने का इंतजार है, लेकिन संबंधित निर्माण एजेंसियों की लापरवाही के कारण काम शुरू नहीं हो पा रहे हैं। बताया गया है कि बिना प्लॉनिंग के स्वीकृत किए गए 112 काम पिछले वर्षों में निरस्त भी किए जा चुके हैं। ऐसे में अब जब योजना बंद होने वाली है, तो सवाल खड़ा हो रहा है कि अगले वित्तीय वर्ष से योजना में बजट नहीं मिलेगा तो अपूर्ण कार्य कैसे पूर्ण हो पाएंगे?
योजना बंद होने के आदेश जारी
पिछड़े जिलों में विकास कार्यों को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2006 में बीआरजीएफ योजना शुरू की गई, जिसमें प्रदेश के 30 जिलों केा शामिल किया गया, जिसमें श्योपुर भी शामिल रहा। बताय गया है योजना के तहत जिला पंचायत के माध्यम कार्यों केा अनुमोदित किया जाकर राशि स्वीकृत की जाती थी, जिसके बाद धरातल पर कार्य शुरू होते थे। लेकिन अब पिछले दिनों केंद्र सरकार ने योजना को एक अप्रेल से बंद करने का निर्णय लिया है।
यही वजह है कि मध्यप्रदेश के पंचायत राज संचालनालय के आयुक्त रघुवीर श्रीवास्तव द्वारा गत 19 मार्च को सभी 30 जिलों केा पत्र जारी कर निर्देश दे दिए हैं कि योजना में नए कार्य स्वीकृत नहीं किए जाएं और जो कार्य अधूरे हैं, उन्हें पूर्ण कराने की कार्यवाही तीन माह में पूरी की जाए।