भारतीय वैज्ञानिक गाडगिल को टायलर पुरस्कार

नई दिल्ली | साल 2015 का प्रतिष्ठित टायलर पुरस्कार एक भारतीय तथा एक अमेरिकी वैज्ञानिक को साझा तौर पर दिया जाएगा। यह पुरस्कार उन्हें पर्यावरण के क्षेत्र में अमेरिका, भारत तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर संरक्षण तथा स्थिरता की नीतियों के विकास के लिए दिया जाएगा। गोवा विश्वविद्यालय के माधव गाडगिल तथा ऑरेगन स्टेट विश्वविद्यालय के जेन लूबचेंको को पर्यावरण के क्षेत्र में उपलब्धि के लिए 42वें टायलर पुरस्कार के लिए नामित किया गया। इसके तहत गाडगिल व लूबचेंको पुरस्कार की दो लाख डॉलर राशि को साझा करेंगे और प्रत्येक को एक गोल्ड मेडल दिया जाएगा।
दोनों वैज्ञानिक अपने काम पर दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में 23 अप्रैल को भाषण देंगे। लॉस एंजेलिस के बिवरले हिल्स में 24 अप्रैल को एक निजी समारोह में दोनों को सम्मानित किया जाएगा। टायलर पुरस्कार की कार्यकारी समिति के अध्यक्ष ने कहा,लूबचेंको तथा गाडगिल ने हमारे पर्यावरण की रक्षा के लिए नीति निर्माण में बेहद बेहतरीन काम किया है और अपने देश तथा दुनिया में प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण सुनिश्चित किया है।
उन्होंने कहा,सर्वोत्तम व संभव संरक्षण नीतियां बनाने के लिए दोनों वैज्ञानिकों ने विज्ञान को संस्कृति व आर्थिक वास्तविकताओं जैसे भारत में स्वदेशी लोगों या अमेरिका में मछुआरा समुदायों पर प्रभाव से जोड़ दिया।
दुनिया के पहले अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण पुरस्कारों में से एक टायलर पुरस्कार पर्यावरण, स्वास्थ्य व ऊर्जा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पुरस्कार है। इसकी शुरुआत 1973 में हुई थी। गाडगिल गोवा विश्वविद्यालय में अंतर विषय अध्ययन के विजिटिंग शोध प्रोफेसर हैं और भारत के पर्यावरण व वन मंत्रालय के वेस्टर्न घाट्स इकोलॉजी एक्सपर्ट पैनल के अध्यक्ष हैं।
अपने सार्वजनिक भाषणों तथा लेखों के जरिए गाडगिल ने पर्यावरण विज्ञान के क्षेत्र को नई दिशा दी है। गाडगिल ने कहा,शुरुआती जीवन से ही अपने पिता के लोगों के साथ मिलकर काम करने से मैं प्रेरित हुआ और हमारी सामूहिक गतिविधियों के प्रभाव के बारे में मैंने सोचना शुरू किया।