मुख्यमंत्री आवास योजना से पात्र हितग्राही गायब

शिवपुरी। म.प्र. शासन के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा गरीब वर्ग के नागरिकों को आवास उपलब्ध कराने की दृष्टि से मुख्यमंत्री आवास योजना का शुभारंभ किया, लेकिन जनपद पंचायत के कार्यपालन अधिकारियों एवं पंचायत सचिवों के भ्रष्टाचारीपूर्ण रवैये के कारण पात्र हितग्राहियों को दरकिनार कर मुख्यमंत्री आवास योजना का लाभ अपने चहेतों को नियम विरुद्ध पहुंचाया जा रहा है, जिसमें गरीब वर्ग के पात्र हितग्राही इस योजना के लाभ से वंचित हैं। ऐसी परिस्थिति में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का स्वर्णिम मध्यप्रदेश बनाने का सपना कैसे पूरा होगा।चहेतों को स्वीकृत किए आवासमुख्यमंत्री आवास योजना के तहत सतनबाड़ा, सुभाषपुरा नरवर, मगरौनी आदि क्षेत्रों में विगत बजट में धनराशि स्वीकृत की गई थी। इसके लिए हितग्राहियों द्वारा पूर्व से ही आवास उपलब्ध कराने के लिए अपने आवेदन पत्र जमा किए गए थे, लेकिन जनपद पंचायत के कार्यपालन अधिकारी एडीओ व पंचायत सचिवों द्वारा पात्र हितग्राहियों को तबज्जो न देते हुए अपात्रों के अवास स्वीकृत कर दिए गए। इस कारण पात्र हितग्राही इस योजना के लाभ से वंचित रह गए।बैंकों से सांठगांठ कर हो रही कमीशनखोरीमुख्य आवास योजनांतर्गत शासन द्वारा स्वीकृत की गई धनराशि में से 15 से 20 प्रतिशत की दर से जनपद पंचायत कर्मचारियों द्वारा बैंक कर्मचारियों से सांठगांठ कर कमीशनखोरी की जा रही है। जिन हितग्राहियों द्वारा जनपद पंचायत कर्मचारियों को उनके द्वारा चाही गई धनराशि पूर्व से उपलब्ध करा दी गई है, उन्हीं हितग्राहियों के आवास स्वीकृत किए जा रहे हैं। जनपद पंचायत कर्मचारियों द्वारा मुख्यमंत्री की मंशा के विपरीत कार्य कर योजना को पलीता लगाया जा रहा है।जिलाधीश से कार्रवाई की मांगमुख्यमंत्री आवास योजनांतर्गत जनपद पंचायत अधिकारी व कर्मचारियों की भ्रष्टाचारपूर्ण नीतियों का खामियाजा गरीब वर्ग के नागरिकों को भुगताना पड़ रहा है। साथ ही शासन की गरीबोन्मुखी योजना से गरीब ही वंचित बने हुए हैं। पीडि़त हितग्राहियों ने भ्रष्टाचार में लिप्त कर्मचारियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने की जिलाधीश से मांग की है। 

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