ईमानदारी से काम करना पड़ा महंगा
प्रशासनिक अधिकारी को लूप लाइन में लगाया रोस्टर प्रणाली द्वारा आमंत्रित 44 नियुक्तियों को बताया था गलत
ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय में आमंत्रित 44 पदों की नियुक्तियों के रोस्टर प्रणाली में अड़ंगा बन रहे प्रशासनिक अधिकारी डॉ.रविशंकर सोनवाल को 16 मार्च को प्रशासन विभाग से हटा दिया गया है। डॉ.सोनवाल नियुक्तियां नियमानुसार न होकर रोस्टर प्रणाली से कराने का विरोध पिछले काफी समय से कर रहेथे। जिसके चलते उन्हें ईमानदारी दिखाना महंगा पड़ गया।
उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय में 44 नियुक्तियां करने हेतु आवेदकों को आमंत्रित किया था। विज्ञापन में नई तकनीकि का उपयोग कर रोस्टर प्रणाली अपनाने के कारण उसका लगातार विरोध किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार विगत सितम्बर 2014 में विश्वविद्यालय में आमंत्रित 44 पदों पर नियुक्ति की नोट पर तत्कालीन प्रशासनिक अधिकारी डॉ.सोनवाल ने कई आपत्तियां लगा दी थीं। इसके बाद दोबारा से अक्टूबर में उन्हीं 44 पदों की नियुक्तियों हेतु नोटशीट बनाई गई, जिस पर डॉ.सोनवाल ने हस्ताक्षर करने से मना करते हुए पूर्व में आपत्ति लगाई गई नोट शीट की मांग कर डाली। जिसका भुगतान डॉ.सोनवाल को सोमवार को स्थानान्तरण के रूप में करना पड़ा। उधर मामले में विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला का पक्ष जानने के लिए जब उनके मोबाइल नंबर 9826038184 पर संपर्क करने का प्रयास किया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।
ये भी लगे आरोप
विश्वविद्यालय द्वारा आमंत्रित 44 नियुक्तियों के विज्ञापन में रोस्टर प्रणाली का पूर्व में भी विरोध किया जा चुका है। इसके साथ ही विकलांग कोटे को शामिल न करने के आरोप भी प्रबन्धन पर लगाए जा चुके हैं। जिसके बाद विज्ञापन हेतु संशोधन पत्र जारी किया गया। लेकिन अब तक न तो रोस्टर प्रणाली को हटाया गया और न ही विकलांग कोटे का विभाग दर्शाया गया।
कार्यपरिषद की बैठक के कारण हुआ विलम्ब
जीवाजी विश्वविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारी डॉ.सोनवाल का स्थानान्तरण पूर्व में ही तय कर लिया गया था लेकिन कार्यपरिषद की बैठक के कारण मामले में विलम्ब हुआ। सोमवार को स्थानान्तरण का आदेश पत्र पूर्व सुनियोजित था जो 28 फरवरी को ही बना लिया गया था। लेकिन कार्यपरिषद की बैठक होने के कारण आदेश पत्र में संशोधन कर उसे 16 मार्च को जारी किया गया।
इन नियम का हो रहा है उल्लंघन
मप्र उच्च शिक्षा विभाग अप्रैल 2013 में सभी विश्वविद्यालयों के लिए आदेश जारी किया था। जिसमें निर्देशित किया गया था कि गोपनीय एवं परीक्षा विभाग में पदस्थ अधिकारियों का कार्यकाल 1 वर्ष एवं अन्य विभागों में पदस्थ अधिकारियों का कार्यकाल 3 वर्ष रखा जाए। आदेश का परिपालन करवाने हेतु कुलसचिव द्वारा निर्देशित भी किया जा चुका है लेकिन उसकी कोई भी सुध लेने को तैयार नहीं है।
इनके हुए स्थानान्तरण
श्रीमती सरिता चौहान
भण्डार (स्टोर) अतिरिक्त प्रभार
डॉ. आर. एस. सोनवाल विकास विभाग एवं एस.सी./एस.टी.प्रकोष्ठ
यू.एस.सालसेकर
प्रशासन विभाग
अतिरिक्त प्रभार
इनका कहना है
''कुलपति नियम विरूद्ध नियुक्तियां करना चाहती हंै जिससे में सहमत नहीं था। इस कारण मेरा स्थानान्तरण कर दिया गया। स्थानान्तरण में मेरे साथ समानता का व्यवहार नहीं किया गया। क्योंकि गोपनीय व परीक्षा में जमे लोगों को न हटाते हुए उल्टा मेरा स्थानान्तरण किया गया जो नियम विरूद्ध है।''
डॉ.रविशंकर सोनवाल
उप कुलसचिव, जीविवि