मंहगाई दर फरवरी में बढ़कर हुयी 537 प्रतिशत
नई दिल्ली। सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद भी महंगाई के मोर्चे पर राहत मिलती दिखाई नहीं दे रही है । फरवरी में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक, कंज्यूमर प्राइस इन्डेक्स (सीपीआई) महंगाई दर महीने दर महीने आधार पर पांच दशमलव उन्नीस प्रतिशत से बढ़कर पांच दशमलव सैतिंस प्रतिशत हो गई है। जनवरी में संशोधित कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (सीपीआई) महंगाई दर पांच दशमलव उन्नीस प्रतिशत हो गई है।फरवरी में खाने-पीने की चीजों की महंगाई दरछह दशमलव उन्नासी प्रतिशत हो गई है । फरवरी में ग्रामीण क्षेत्रों की महंगाई दर जनवरी के पांच दशमलव चौतिंस प्रतिशत से बढ़कर पांच दशमलव उन्नासी प्रतिशत हो गई है । फरवरी में शहरी इलाकों की महंगाई दर चार दशमलव पंनचानवें प्रतिशत हो गई है जबकि जनवरी में शहरी इलाकों की महंगाई दर चार दशमलव छैय्यानवे प्रतिशत रही थी ।
फरवरी में सब्जियों की महंगाई दर नौ प्रतिशत से बढ़कर तेरह दशमलव शून्य एक प्रतिशत पर पहुंच गई है । फरवरी में कोर सीपीआई महंगाई दर चार दशमलव शून्य सात पर आ गई है जबकि जनवरी में कोर सीपीआई महंगाई दर चार दशमलव सताईस प्रतिशत रही थी।फरवरी में क्लोदिंग और फुटवियर महंगाई दर छह दशमलव तीन आठ प्रतिशत हो गई है जबकि जनवरी में क्लोदिंग और फुटवियर महंगाई दर छह दशमलव प्रन्द्रह प्रतिशत रही थी। फरवरी में ईंधन और बिजली की महंगाई दर 4.72 प्रतिशत हो गई है जबकि जनवरी में ईंधन और बिजली की महंगाई दर 3.74 प्रतिशत रही थी।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के प्रमुख आर्थिक सलाहकार सौम्यकांति घोष का कहना है कि खुदरा क्षेत्र के महंगाई का आंकड़ा हमारे अनुमान से ज्यादा है। खाने-पीने की चीजों की महंगाई के नजरिये से अगले दो से तीन महीने के खुदरा महंगाई के आंकड़े काफी अहम होंगे । वहीं हाल के आंकड़ों के बाद आरबीआई की सात अप्रैल की पॉलिसी में दरें घटने की उम्मीदें कम हुई हैं।