नए सिरे से बनेगा अटेर के चंबल पुल का प्रस्ताव

*सेतु संभाग के पास आया मुख्यालय से पत्र

* अब सड़क विकास प्राधिकरण नहीं बनाएगा पुल

ग्वालियर, विशेष संवाददाता। भदावर रियासत की राजधानी रहे भिंड के अटेर को ऐतहासिक नगरी आगरा से जोडऩे के लिए चंबल नदी पर प्रस्तावित पुल का प्रस्ताव अब नए सिरे से बनाया जाएगा। पहले यह पुल मध्यप्रदेश सड़क विकास प्राधिकरण के जिम्मे था, लेकिन अब इसे सेतु संभाग, ग्वालियर को स्थानातंरित कर दिया है। इस पुल के निर्माण के लिए वित्तीय, प्रशासकीय एवं पर्यावरणीय स्वीकृतियां पहले ही मिल चुकी हैं।
लोक निमार्ण विभाग, भोपाल द्वारा सेतु संभाग ग्वालियर को इस आशय का परिपत्र भेजा गया है कि अटेर से आगरा को जोडऩे के लिए जैतपुर मार्ग तक चंबल नदी पर प्रस्तावित पुल निर्माण के लिए वे अपनी कार्रवाई पुन: शुरू करें। एक पखवाड़े पहले आए इस परिपत्र के बाद सेतु संभाग ने पुल निर्माण में आने वाली वर्तमान लागत निकालने के लिए नए सिरे से प्रस्ताव बनाना शुरू कर दिया है। सेतु संभाग की मानें तो इस पुल के निर्माण पर करीब 50 करोड़ की लागत आने की संभावना है।
एक किलोमीटर लंबा होगा पुल
अटेर से जैतपुर (आगरा) को जोडऩे के लिए प्रस्तावित पुल की लंबाई करीब एक किलोमीटर रहने की संभावना है। पुल के दोनों साइड में करीब 500-500 मीटर की रोड बनाया जाना प्रस्तावित है। पुल की चौड़ाई 7.50 मीटर होगी। इस हिसाब पुल दोहरा मार्ग (टू-लेन) होगा।
तो अंचल में बढ़ेगी सैलानियों की संख्या
मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के दो ऐतहासिक शहरों को जोडऩे चंबल नदी पर इस पुल के तैयार होने के बाद आगरा पहुंचने वाले सैलानियों के अटेर तक पहुंचने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। उल्लेखनीय है कि ताजमहल, किला, फतेहपुर सीकरी तक पहुंचने वाले देशी और विदेशी सैलानी अटेर, मुरैना भी पहुंच सकेंगे। अटेर में उन्हें सतखंडा किला के अलावा डाल्फिन, घडियाल भी देखने को चंबल नदी में मिल जाएंगे। क्योंकि चंबल अभ्यारण्य में अटेर भी आता है।

बीओटी में पुल बनाने नहीं आई कोई कंपनी
पिछले एक साल से चंबल पुल के निर्माण को लेकर मध्यप्रदेश सड़क विकास प्राधिकरण और सेतु संभाग के बीच रस्साकशी चल रही थी। सेतु संभाग द्वारा सबसे पहले इसके लिए प्राक्कलन तैयार किया गया था। बाद में प्रदेश सरकार ने पुल निर्माण का काम सड़क विकास प्राधिकरण को सौंप दिया। प्राधिकरण ने तय किया था कि इसे वे बीओटी में बनाएंगे। हालांकि जब कोई भी बड़ी कंपनी पुल निर्माण के लिए आगे नहीं आई तो सड़क विकास प्राधिकरण ने इस परियोजना से हाथ खड़े कर दिए। बीओटी से निर्माण की दशा में इसके निर्माण की अनुमानित लागत 84.30 करोड़ आंकी गई थी। बीओटी में पुल का निर्माण होने की दशा में यहां टोल प्लाजा भी बनाया जाना प्रस्तावित था।

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