भारत-रूस एक संयुक्त आतंकवाद विरोधी गठबंधन बनायें: रूसी उप-प्रधान मंत्री

नई दिल्ली | रूस के उप-प्रधानमंत्री दीमित्री रोगोजिन ने कहा है कि भारत और रूस आतंकवाद के विरुद्द एकजुट हैं, क्योंकि आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के अफ़ग़ानिस्तान में उदय से आतंकवाद की यह समस्या और भी गंभीर हो गयी है।
रोगोजिन मंगलवार को एक दिवसीय भारत यात्रा पर आये थे। उन्होंने भारतीय अधिकारियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आने वाली रूस यात्रा और रूसी राष्ट्पति व्लादिमीर पुतिन के साथ वार्ता के विषय में चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन में इस सप्ताह के अंत में रूस जायेंगे और 24 दिसंबर को क्रेमलिन में श्री पुतिन के साथ वार्ता करेंगे।
भारत में रूसी दूतावास के एक प्रवक्ता के अनुसार रोगोजिन ने कहा कि भारत और रूस का परमाणु क्षेत्र में सहयोग सही दिशा में जा रहा है और रूस को भारत की आर्थिक क्षेत्र में आवश्यकता है। रक्षा क्षेत्र में दोनों देश एक हेलीकॉप्टर समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले हैं और रूस भारत को अंतरिक्ष के क्षेत्र में भी सहायता देने को तैयार है। रोगोजिन ने कहा कि भारत-रूस आपसी सहयोग के उज्जवल भविष्य है। रोगोजिन का कहना है कि तालिबान अफ़ग़ानिस्तान में विशेष रूप से एक ''घरेलू'' आतंकवाद था। परन्तु इस्लामिक स्टेट इसके विपरीत है और तालिबान की तुलना में अधिक कट्टरपंथी है. उनकी वैश्विक महत्वाकांक्षा भी है।
उन्होंने कहा कि भारत आतंकवाद से लड़ने के लिए रूस का पूरा समर्थन करता है। भारत के प्रधानमंत्री एक कठिन समय पर रूस जा रहे हैं। यह आश्चर्यजनक नहीं है कि हमने जिस विषय पर चर्चा की, वह आतंकवाद और इस्लाम के कट्टरपंथी रूपों का विषय था। भारत पूरी तरह से रूस की आतंकवाद विरोधी नीतियों का समर्थन करता है और भारत का आतंकवाद से लड़ने का काफ़ी अनुभव है।