उत्तर भारत में शीतलहर से जनजीवन प्रभावित
नई दिल्ली | उत्तर भारत के कई हिस्सों में तापमान में गिरावट आई है और जम्मू कश्मीर के लेह में पारा शून्य से नीचे 16.2 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया जो इस मौसम का सबसे कम तापमान है।
राजधानी दिल्ली में न्यूनतम तापमान 5.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो इस मौसम के सामान्य तापमान से दो डिग्री कम था। शहर के कुछ हिस्सों में घना कोहरा था और दृष्यता 1,000 मीटर दर्ज की गई। मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया सुबह साढ़े आठ बजे न्यूनतम तापमान 5.5 डिग्री और आद्रता 83 फीसदी दर्ज की गई।
जम्मू कश्मीर में शीतलहर है और ज्यादातर इलाकों में तापमान कल की तुलना में नीचे ही गया। मौसम विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि जम्मू कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे 5.2 डिग्री दर्ज किया गया जो एक दिन पहले की रात के शून्य से कम 4.0 डिग्री तापमान से एक डिग्री कम है।
प्रसिद्ध डल झील, कई जल इकाइयों तथा नलों में पानी जम गया है। लददाख के सीमावर्ती लेह में रात का तापमान शून्य से नीचे 16.2 डिग्री दर्ज किया गया जो एक रात पहले शून्य से कम 12.9 डिग्री था। लेह राज्य में सबसे ठंडा स्थान था। समीपवर्ती करगिल में तापमान शून्य से नीचे 15.0 डिग्री रहा जो एक रात पहले शून्य से नीचे 14.5 डिग्री था।
राजस्थान में ज्यादातर हिस्सों में तापमान में गिरावट आई और चूरू राज्य में सबसे ठंडा स्थान रहा जहां न्यूनतम तापमान शून्य से कम 0.4 डिग्री यानी जमाव बिंदु के करीब दर्ज किया गया। मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य में रात के तापमान में 2 से 4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई।
पंजाब और हरियाणा में तेज शीतलहर है और अमतसर शून्य से नीचे 0.3 डिग्री सेल्सियस के साथ सबसे ठंडा स्थान रहा। दोनों राज्यों में तापमान में काफी गिरावट आई। मौसम विभाग की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अमतसर में न्यूनतम तापमान सामान्य से चार डिग्री कम, शून्य से नीचे 0.3 डिग्री दर्ज किया गया।
शीतलहर से प्रभावित हरियाणा के नारनौल में न्यूनतम तापमान एक डिग्री दर्ज किया गया जो सामान्य से पांच डिग्री कम है। केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में न्यूनतम तापमान 3.4 डिग्री रहा जो सामान्य से तीन डिग्री कम है। अंबाला और हिसार में न्यूनतम तापमान क्रमश: 5.2 डिग्री और 3.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से चार डिग्री कम है।
हिमाचल प्रदेश में भी शीतलहर है और पहाड़ी इलाकों तथा घाटियों में तापमान में गिरावट आई। लेकिन शिमला में सफेद क्रिसमस यानी व्हाइट क्रिसमस का नजारा न देख कर पर्यटक निराश हो गए।
जमाव बिंदु के करीब पहुंचते तापमान के बावजूद लोग मिड नाइट मास के लिए गिरजाघर पहुंचे। नदियों के किनारे बसे शहरों पर कोहरे की चादर छायी रही और मध्य तथा निचले पहाड़ी इलाकों में घनी ओस रहने की वजह से इन इलाकों में सुबह वाहन चलाना खतरे से खाली नहीं था।