परमाणु ऊर्जा के लिए महत्वपूर्ण होगी प्रधानमंत्री की रूस यात्रा
नई दिल्ली | प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आगामी रुस यात्रा के दौरान देश में कार्यरत रुसी परमाणु रिएक्टरों को लेकर एक महत्वपूर्ण समझौता होने की उम्मीद बताई जा रही है। प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान होने वाले समझौते के बाद आंध्र प्रदेश में 1200 मेगावाट के छह परमाणु रिएक्टरों के निर्माण का रास्ता साफ़ हो जायेगा ।
प्रधानमंत्री मोदी की प्रस्तावित यात्रा देश के नाभिकीय क्षेत्र के लिए काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है । देश की ऊर्जा जरूरतों और पर्यावरण से जुडी चुनौतियों से निपटने के लिए भारत लगातार अपना बिजली उत्पादन परमाणु आधारित करने की दिशा में काम कर रहा है । केन्द्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग के मुताबिक देश को परमाणु बिजली सक्षम बनने के दिशा में 10 और परमाणु रिएक्टर बनाए जा रहे हैं । इसके निर्माण से देश में 7,700 मेगावाट की अतिरिक्त क्षमता हासिल हो सकेगी। वर्तमान में ‘द न्यूक्लियर पॉवर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड' (एनपीसीआईएल) के अंतर्गत देश में 5,680 मेगावाट विद्युत की कुल स्थापित उत्पादन क्षमता के साथ ही कुल 21 परमाणु ऊर्जा रिएक्टर कार्यरत है । 10 नए निर्माणधीन परमाणु रिएक्टरों के निर्माण पूर्ण होने पर देश में 13,380 मेगावाट की कुल स्थापित क्षमता का उत्पादन किया जा सकेगा।
केन्द्रीय परमाणु ऊर्जा विभाग के मुताबिक निर्माणधीन दस रिएक्टरों के अलावा केन्द्र सरकार के द्वारा परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग सहित व्यापक पैमाने पर परमाणु ईंधन सुविधाओं को जुटाने और इसकी उपलब्धता को सहज बनाने के लिए घरेलू और विदेशी दोनों ही स्रोतों से प्रयास किए जा रहे हैं । घरेलु स्तर पर मध्य प्रदेश में चुटका और राजस्थान के बैंसवारा में दो नये क्षेत्रों के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य प्रगति पर है। इस वर्ष जून माह में नागरिक दायित्व के लिए परमाणु क्षति अधिनियम-2010 के अंतर्गत निर्धारित दायित्वों को शामिल करने के लिए जनरल इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के द्वारा 1500 करोड़ रूपये की क्षमता के साथ बीमा किया गया है।
जानकारी के अनुसार परमाणु ऊर्जा के लिए विदेशी स्तर पर रुस, अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, ब्रिटेन, उत्तरी आयरलैंड, जापान सहित कई अन्य देशों से मिले सहयोग की वजह से इस साल जनवरी से दिसम्बर माह के मध्य तक 77 प्रतिशत के समग्र क्षमता घटक और 79 प्रतिशत के उपलब्धता घटक के साथ 36,826 मिलियन इकाईयों का विद्युत उत्पादन किया जा सका है । मेक इंडिया कार्यक्रम के लक्ष्य के अनुरुप 700 मेगावाट स्वदेशी दबावयुक्त भारी जल रिएक्टरों (पीएचडब्ल्यूआर) के लिए स्वदेशी घटकों और कुछ महत्वपूर्ण व्यापक आकार के उपकरणों को विकसित और विनिर्माण करने के प्रयास भी किये जा रहे हैं I