भारत और अमेरिका को एक दूसरे की जरूरत: रिचर्ड वर्मा

वॉशिंगटन। भारत और अमेरिका को वैश्विक स्तर पर आर्थिक वृद्धि बढ़ाने और रोजगार सृजन करने के साथ अन्य क्षेत्रों में भी एक दूसरे की जरूरत है। यह बात भारत में अमेरिका के राजदूत रिचर्ड वर्मा ने कही।
रिचर्ड वर्मा ने अमेरिका की शीर्ष विचार संस्था में शुक्रवार को कहा कि भारत और अमेरिका को आर्थिक रूप से एक दूसरे की जरूरत है। उन्होंने कहा,' दोनों देशों को वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर को बढ़ाने में मदद करने की जरूरत है, ताकि हमारा विज्ञान,अन्वेषण और नवोन्मेष हमारी जनता के लिए नई खोज लेकर आये।'साथ ही दोनों देशों को अपनी जनता के लिए आर्थिक अवसर तथा रोजगार सृजन की जरूरत है। वर्मा ने कहा कि पिछले एक दशक में दोनों देशों ने सहयोग के लगभग हर खंड में तेजी से प्रगति की है और आंकड़े आकषर्क हैं।
उल्लेखनीय है कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय कारोबार वर्ष 2005 में करीब 30 अरब डालर था। आज यह 104 अरब डालर है और दोनों देश इस आंकड़े को 500 अरब डालर तक पहुंचाने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रहे हैं।
राजदूत ने कहा कि पिछले केवल तीन महीनों के दौरान ही द्विपक्षीय व्यापार पांच अरब डालर से अधिक बढ़ गया है। हाल में 3.3 अरब डालर के अपाचे-चीनूक सौदे और 2.6 अरब डॉलर के जीई के भारत को अगली पीढ़ी के लोकोमोटिव उपलब्ध कराने के समझौते से यह कारोबार बढ़ा है। इनमें से कई लोकोमोटिव को भारत में ही तैयार और असेंबल किया जायेगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों की संख्या पिछले साल के मुकाबले 30 प्रतिशत बढ़कर 1,32,000 तक पहुंच गई। अमेरिका में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों में चीन के बाद भारत के छात्रों की संख्या दूसरे नंबर पर है।

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