दिसम्बर के दूसरे सप्ताह में भी ठंड लापता

दक्षिण पश्चिमी हवाओं ने बढ़ाया पारा


ग्वालियर। पिछले कुछ दिनों से मौसम में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी हुई है। कभी पारा गिर रहा है तो कभी चढ़ रहा है। मौसम विभाग के अनुसार इन दिनों चूंकि मध्यप्रदेश के ऊपर प्रति चक्रवात (एन्टी साइक्लोनिक सर्कुलेशन) बना हुआ है और हवाओं का रुख दक्षिण पश्चिमी है। इसी कारण से पारा चढ़ा हुआ है।
दिसम्बर माह का दूसरा सप्ताह चल रहा है, लेकिन अब तक कड़ाके की ठंड का लोगों को इंतजार है। बीते सालों के आंकड़ों पर गौर करें तो वर्ष 2011 के दिसम्बर माह में भी कुछ ऐसी ही स्थिति बनी थी। इस साल भी सबसे कम ठंड पड़ रही है। दिन का अधिकतम पारा 31 डिग्री और न्यूनतम 15 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच रहा है, जबकि पिछले साल दिसम्बर माह में कड़ाके की ठंड पड़ी थी। पिछले साल दिसम्बर में दिन का पारा 20 से 22 डिग्री और रात का पारा 5 से 7 डिग्री तक नीचे आ गया था।
मौसम के इस उतार-चढ़ाव से दोपहर में तीखी धूप निकल रही है तो रात में हल्की ठंड महसूस हो रही है। इस प्रकार का मौैसम लोगों की सेहत बिगाड़ रहा है। बदलते मौसम के कारण लोगों में सर्दी-खांसी और वायरल बुखार की शिकायत बढ़ गई है। गर्म कपड़ों का बाजार भी ठंडा है। व्यापारियों ने गर्म कपड़ों का अच्छा खासा स्टॉक करके रखा है, लेकिन कड़ाके की ठंड नहीं पडऩे से ग्राहक नहीं आ रहे हैं।

सामान्य से 7.3 डिग्री ऊपर पहुंचा न्यूनतम पारा

स्थानीय मौसम विज्ञान केन्द्र के अनुसार गतरोज की तुलना में गुरुवार को न्यूनतम पारा 4.1 डिग्री उछाल के साथ 15.0 डिग्री पर पहुंच गया, जो अपने औसत स्तर से 7.3 डिग्री अधिक है। अधिकतम पारा भी 0.9 डिग्री बढ़कर 31.2 डिग्री दर्ज किया गया, जो अपने औसत स्तर से 6.0 डिग्री अधिक है। इसी प्रकार सुबह हवा में नमी 80 और शाम को 60 फीसदी दर्ज की गई, जो सामान्य से क्रमश: 13 व 10 फीसदी अधिक है।


इन्होंने कहा


''अभी हवाएं दक्षिण-पश्चिम से आ रही हैं। इसके साथ ही मध्यप्रदेश के ऊपर प्रति चक्रवात भी बना हुआ है। इसी कारण पारा सामान्य से काफी अधिक दर्ज हो रहा है। अगले दो दिनों में प्रति चक्रवात का असर समाप्त हो जाएगा। इसके बाद हवाएं उत्तर से आना शुरू होंगी तो पारा गिरेगा और ठंड का असर बढ़ेगा।''
उमाशंकर चौकसे, मौसम विज्ञानी, भोपाल

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