इतनी गदंगी, मन खराब हो गया, उलटी न हो जाए

प्रसूतिगृह में गदंगी पर बोले जिपं सीईओ, तीन दिन में टॅ्रामा और नया प्रसूतिगृह शुरु कराने के निर्देश
गुना। इतनी गदंगी, मन खराब हो गया, कहीं मुझे उलटी न हो जाए, मरीज इसका इस्तेमाल कैसे करते होंगे। यह बात जिला पंचायत सीईओ कैलाश वानखेड़े ने प्रसूतिगृह में शौचालय के निरीक्षण के दौरान कहीं। दरअसल सीईओ जिला अस्पताल परिसर में बने नए ट्रॉमा सेंटर और नए प्रसूतिगृह को शुरु कराने के लिए पिछले दो दिन से लगातार अस्पताल पहुँचकर वर्तमान हालातों का जायजा ले रहे है। बीते रोज जहाँ उन्होने व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए थे, वहीं आज भी सीईओ अस्पताल पहुँचे। जहां उन्होने दो दिन में व्यवस्था सुधारकर तीन दिन में दोनों संस्थान चालू करने के निर्देश दिए। इसी दौरान उन्होने वर्तमान प्रसूतिगृह के शौचालय का निरीक्षण किया। इस दौरान वहाँ गदंगी देखकर उन्होने ऊपर लिखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए तुरंत सफाई के निर्देश भी दिए। इसके साथ ही उन्होंने अस्पताल परिसर में रखी डस्टबिन और कचरे पड़े होने पर भी नाराजगी जताई। मेटरनिटी वार्ड में नाली खुली होने पर क हा कि इसकी गंदी बदबू अंदर जाएगी। इसे पाइप डालकर बंद कराएं। इस दौरान उन्होंने स्टोर रुम आदि का भी निरीक्षण किया।
दो दिन में दूर करें खामीं
निरीक्षण के दौरान बिजली के पाईंट, पानी आदि की सुविधा न होने की खामी उजागर हुई। इसको लेकर ठेकेदार ने जहाँ बताए गए अनुसार काम करने की बात वहीं वहीं चिकित्सकों ने ठीकरा ठेकेदार के सिर फोडऩे की कोशिश की। उन्होने कहा कि बिजली के पाईंट नहीं होने से उन्हे परेशानी आएगी। बाद में सीईओं ने सीविल सर्जन सहित ठेकेदार को निर्देश दिए कि आपस में तालमेल बैठाकर क्या काम होना है और क्या नहीं? तय कर लें, दो दिन के अंदर सारी खामियां दूर हो जानी चाहिए और तीन दिन में दोनों संस्थानों को चालू किया जाए। सीईओ ने कहा कि वह 12 दिसंब को फिर निरीक्षण करने के लिए आएंगे, तब कोई खामी नहीं मिलनी चाहिए।
पुराने प्रसूतिगृह को नए से जोड़ा जाए
निरीक्षण के दौरान सीईओ ने पुराने प्रसूतिगृह को नए भवन से जोड़कर पुराने भवन से रास्ता निकालने के निर्देश दिए। इसके साथ ही प्रसूति कक्ष के बाहर गंदगी को साफ कर उसमें पेवर्स लगाए जाने की बात कही। सीईओ ने कहा कि नए प्रसूति भवन के पीछे जगह का इस्तेमाल लोग शौचालय के रुप में कर रहे है, वहां पर जाली लगा दी जाए जिससे गंदगी से रोका जा सके। उन्होने सिविल सर्जन को निर्देश दिए कि प्रसूति भवन के पीछे की जगह पर गार्डन हरियाली की जाए और एक छोटे मोटे पार्क का रुप दे जिससे लोग वहां पर गंदगी नहीं कर सके। इसी तरह ट्रामा सेंटर के पीछे वाली जगह में भी पेड़-पौधे लगाकर हरियाली की व्यवस्था की जाए।