देवों को उठाने के लिए तैयारियां तेज

बाजार में दिखने लगे गन्ने, मांगलिक कार्यों की भी तैयारी


गुना। साल के सबसे बड़े त्यौहार दीपावली को धूमधाम से मनाने के बाद अब देवों को उठानी की तैयारी तेज हो गई है। देवों को देवउठनी ग्यारस पर उठाया जाएगा और यह पर्व 22 नवंबर को मनेगा। इस अवसर पर भोर भई आंवला, उठो देव सांवला का जयघोष किया जाएगा, साथ ही गन्ने की भी पूजा अर्चना होगी। इसके लिए बाजार में गन्ने दिखाई भी देने लग गए है, हालांकि अभी इनकी खरीददारी ने गति नहीं पकड़ी है। इक्का-दुक्का गन्ने ही शौक से खाने को लेकर बिक रहे है। मांगलिक कार्यों की तैयारियांं जरुर शुरु हो गईं हैं। उल्लेखनीय है कि देवश्यानी ग्यारस पर भगवान के शयनकक्ष में जाने की परंपरा है, इसके बाद उन्हे देवउठनी ग्यारस पर उठाया जाता है, इस दौरान मांगलिक कार्यों पर धार्मिक प्रतिबंध लगा रहता है। देवों के उठने के साथ धार्मिक कार्य शुरु होंगे।
प्रबल योग में कुछ दिन राहत
ज्योतिषाचार्य के अनुसार 15 अप्रैल-16 से सूर्य के मेष राशि में आने व गुरु सिंह राशि का होने से सर्वश्रेष्ठ व प्रबल योग बनेगा, जिसके चलते 15 मई-16 तक शुभ व मांगलिक कार्य होना थे। लेकिन 4 मई से शुक्र तारे का अस्त हो जाने से शुभकार्य 7 जुलाई तक वर्जित रहेंगे। 16 से 22 अप्रैल तक विवाह व शुभ कार्यों के लिए मुहूर्त रहेंगे। 22 अप्रैल के बाद से ज्योतिष आधार पर विवाह के मुहूर्त नहीं हैं।
विवाह के शुभ मुहूर्त
नवंबर- 15- 26, 27 दिसंबर-15- 5, 12, 13, 14 जनवरी- 16- 15, 16, 20, 21, 26, 27, 28, 29, 30 फरवरी- 16- 2, 3, 4, 5, 11, 12, 13, 16, 17, 24, 25, 27 मार्च- 16- शुभ मुहूर्त नहीं। अप्रैल- 16- 16, 17, 18, 19, 20, 21, 22। को शुभ मुर्हुत है। इसके साथ ही विवाह के लिए शुभ मुहूर्त 26 नवंबर से हैं। लेकिन 22 नवंबर को देवउठनी ग्यारस और तुलसी विवाह होने से इस दिन भी शहनाई गूंजेंगी। जानकारों की मानें तो इस दिन किए जाने वाले वैवाहिक कार्य पांती के लग्न और भगवान की आराधना को प्रमुख मानकर किए जाएंगे।

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