आदेश पालन की स्थिति जानने न्यायालय ने बनाई समिति

मामला मुक्तिधाम के आस-पास फैली गंदगी का

ग्वालियर। उच्च न्यायालय की ग्वालियर खण्डपीठ ने लक्ष्मीगंज स्थित मुक्तिधाम की साफ-सफाई के संबंध में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए एक समिति गठित की है जिसमें वरिष्ठ अधिवक्ता विनोद भारद्वाज को अध्यक्ष व पूर्व अतिरिक्त महाधिवक्ता महेन्द्र प्रताप सिंह रघुवंशी को सदस्य बनाया गया है। इसके साथ ही न्यायमूर्ति यूसी माहेश्वरी व न्यायमूर्ति एसके गुप्ता की युगलपीठ ने मुक्तिधाम के पास बने पशुओं के डिस्पोजल सेन्टर को हटाने के संबंध में नगर निगम को दस दिन में निर्णय लेने का निर्देश दिया है।
इस संबंध में जानकारी देते हुए याची प्रेम नारायण शर्मा के अभिभाषक गौरव मिश्रा ने बताया कि लक्ष्मीगंज स्थित मुक्तिधाम के आस-पास पसरी गंदगी के चलते आमजन का जीना मुश्किल हो गया है। पास में ही बने पशुओं के डिस्पोजल सेन्टर के चलते दिनभर दुर्गन्ध आती है। इन्हीं सारी समस्याओं के निराकरण को लेकर जनहित याचिका प्रस्तुत की गई है। पूर्व में न्यायालय ने नगर निगम को यथाशीघ्र सफाई कराने और आस-पास के क्षेत्र में कचरा ना डालने का अंतरिम आदेश दिया था। आज हुई सुनवाई में नगर निगम के अभिभाषक दीपक खोत ने बताया कि उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए सफाई करा दी गई है और कचरा अन्यत्र जगह पटका जा रहा है। वहीं वरिष्ठ अभिभाषक श्यामबिहारी मिश्रा ने उनकी बात का विरोध करते हुए कहा कि मुक्तिधाम की स्थिति जस की तस है। इस पर न्यायालय ने दो सदस्यीय समिति गठित की और सदस्यों को निर्देश दिया कि वे रविवार को सुबह नौ बजे मुक्तिधाम का निरीक्षण करें और देखें कि न्यायालय के आदेश का पालन हो रहा है अथवा नहीं? न्यायालय ने निरीक्षण के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता, नगर निगम आयुक्त, निगम के मुख्य विधिक सलाहकार एवं याचिकाकर्ता के अभिभाषक को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने के लिए कहा है। समिति के सदस्यों को निरीक्षण की फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी भी करानी होगा और सात दिन के अंदर न्यायालय में रिपोर्ट पेश करनी होगी।

दुगनावली में मांगी है जमीन

निगम के अभिभाषक दीपक खोत ने बताया कि 30 नवम्बर 2010 को ग्राम दुगनावली में गांधी प्राणी उद्यान (चिडिय़ाघर)को स्थापित करने के लिए 71.348 हेक्टेयर भूमि आरक्षित की गई थी। कुछ दिन पूर्व ही नगर निगम ने जिलाधीश ग्वालियर को पत्र लिखकर उक्त भूमि में से लगभग आठ हेक्टेयर भूमि मृत पशुओं के शवविच्छेदन केन्द्र के लिए नि:शुल्क रूप से आवंटित करने की मांग की है।

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