चाचा को 6 माह, भतीजे को 3 वर्ष का कारावास
लड़कों के विवाद में फायर करने से निर्दोष बालिका हुई थी घायल
मुरैना। पोरसा थाने के रेपुरा गांव में स्कूल के पास लड़कों के बीच हुये विवाद में अपने घर से चाचा की बन्दूक लाकर फायर करते हुये निर्दोष 13 वर्षीय बालिका को घायल करने के आरोपी बंटी उर्फ जगदीश तथा उसके चाचा को मामले में दोषी पाये जाने पर अम्बाह के अपर सत्र न्यायाधीश पीसी गुप्ता ने बंटी को 3 वर्ष तथा उसके चाचा रामलखन को 6 माह के कारावास के साथ अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक रामनिवास सिंह तोमर ने पैरवी की।
अभियोजन के अनुसार अरविन्द सिंह की 13 वर्षीय बेटी स्कूल गई थी, स्कूल के बाहर कुछ लड़कों में झगड़ा हो रहा था इसी बीच बंटी उर्फ जगदीश घर से अपने चाचा रामलखन की 12 बोर बन्दूक ले आया और फायर कर दिया जिसकी गोली बेटी को लगी और वह घायल हो गई। अरविन्द सिंह अपनी बेटी को घायल अवस्था में लेकर पोरसा थाने पहुंचा और आरोपियों के खिलाफ रिपोट दर्ज कराई।
पुलिस ने बंटी उर्फ जगदीश के खिलाफ भादस की धारा 308 आयुध अधिनियम 25, 27 के अन्तर्गत मामला दर्ज किया। जिस बंदूक से बंटी ने फायर किया था वह बंदूक उसके चाचा रामलखन के नाम होने के कारण उसके खिलाफ भी आयुध अधिनियम की धारा 30 के अन्तर्गत मामला दर्ज किया गया।
विवेचना के पश्चात पोरसा थाना पुलिस ने मामला न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश पीसी गुप्ता की अदालत में प्रस्तुत किया, जहां सुनवाई व बहस के बाद आरोपियों के खिलाफ दोष सिद्ध पाते हुए श्री गुप्ता ने बंटी उर्फ जगदीश को धारा 308 में 3 वर्ष के कारावास के साथ 25 हजार रूपये के अर्थदण्ड की सजा सुनाई। धारा 27(1) के तहत उसे तीन वर्ष के कारावास व 1 हजार के अर्थदण्ड से दंडित किया। रामलखन को आयुध अधिनियम की धारा 30 के अन्तर्गत 6 माह के कारावास के साथ एक हजार के अर्थदण्ड से दंडित किया गया है।
न्यायाधीश श्री गुप्ता ने न्यायालयीन आदेन में मामले की अपील अवधि समाप्त होने के बाद अर्थदण्ड की राशि में से 25 हजार रुपए की राशि पीडि़त के वैध वारिसान को दिये जाने का आदेश पारित किया।