मनरेगा के अलावा कराया जा रहा काम
अशोकनगर। पंचायतों का पूरा कार्य ग्रामीण रोजगार सहायकों से कराया जा रहा है.जबकि मनरेगा परिषद के तहत केवल मनरेगा के ही कार्य कराया जाना चाहिये। रोजगार सहायकों पर जिला एवं जनपद पंचायत के अधिकारियों द्वारा ग्राम पंचायतों का सारा कार्य कराने के लिये दबाव बनाया जाता है। जिससे रोजगार सहायकों पर काम का अतिरिक्त बोझ पड़ता है। गुरूवार को जिलेभर से आए ग्राम रोजगार सहायकों ने एक रैली निकालकर मौजूदा व्यवस्था का विरोध किया। जिला पंचायत कार्यालय में एकत्रित हुए रोजगार सहायकों ने रैली की शुरूआत तारवाले बालाजी मंदिर से की। यह रैली विदिशा रोड़ होते हुए कलेक्टे्रट पहुंची। जहां जिलेभर से आए रोजगार सहायकों ने ग्राम रोजगार सहायक संघ के बैनर तले अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा। अपर कलेक्टर एसके सेवले को सौंपे ज्ञापन में संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि ग्राम पंचायतों में रोजगार सहायकों से मनरेगा के अतिरिक्त कार्य कराया जा रहा है। पंचायतों का पूरा कार्य कराने के बाद भी हमें न तो कोई वेतन मिलता है न ही सीआर का मूल्याकंन होता है। सभी रोजगार सहायकों को पंचायत सहायक सचिव के स्थायी पद पर जिला संवर्ग में नियमित किया जाए , अन्य संविदा कर्मचारियों की भांति ही रोजगार सहायकों की भी स्थानांतरण नीति बनाई जाए। मनरेगा के कार्यों के अलावा कराये गये कार्य का अलग से मानदेय दिया जाए। माह बार 15 हजार रूपये वेतनमान के रूप में रोजगार सहायकों को दिये जाए। मुख्यमंत्री के नाम सौंपे इस ज्ञापन मेंं संघ के पदाधिकारी ने 21 दिन के अंदर यदि मांगे नही पूरी हुईं तो संघ भोपाल में महारैली निकालकर आंदोलन करेगा। ज्ञापन देने वालों में संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष देवेन्द्र रघुवंशी,जिला अध्यक्ष राजकुमार जाट,नरेन्द्र गौर, आनंद राय, रामवीर शर्मा, जितेन्द्र यादव, लक्ष्मीनारायण लोधी, जयपाल यादव चंदेरी, आनंदराय ,रामपाल यादव आदि शामिल थे।