उत्कृष्ट कार्यशैली के धनी हैं भविष्यनिधि आयुक्तसाक्षात्कार/प्रवीण दुबे

ग्वालियर। कभी साइकिल से दफ्तर जाने को लेकर तो कभी मास्टरशेफ जैसे कार्यक्रमों में स्वास्थ्य वर्धक भोजन बनाने को लेकर चर्चा में बने रहने वाले भविष्यनिधि आयुक्त श्री रिजवानउद्दीन अब अपनी कार्यकुशलता को लेकर खासे चर्चा में बने हुए हैं। स्वदेश से खास बातचीत में उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष जब उन्होंने कामकाज संभाला था उस समय जिस प्रशासनिक व्यय खाते अर्थात अकाउंट की आय ३८ लाख रुपए थी वह अब बढ़कर ६० लाख से अधिक जा पहुंची है।
आखिर यह वृद्धि कैसे हुई? इस सवाल के जवाब में आयुक्त रिजवानउद्दीन कहते हैं कि इसके पीछे मुख्य वजह कार्य के प्रति सजगता और तत्परता है। उन्होंने बताया कि पीएफ को लेकर गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ उन्होंने लगातार नोटिस जारी किए और वे यहीं नहीं रुके जब तक मामले का निराकरण नहीं हो गया हार नहीं मानी।
आयुक्त रिजवानउद्दीन ने बताया कि कई बार भविष्यनिधि खातों में गड़बड़ी और उसके खिलाफ कार्रवाई को लेकर ऐसी परिस्थिति तक का सामना करना पड़ा कि जान तक जोखिम में पड़ गई, लेकिन पूरी टीम के सहयोग से सफलता मिली। मुरैना, भिंड जैसे क्षेत्रों में एक नहीं कई बार ऐसा मौका आया, लेकिन वह घबराए नहीं। आज इस दिशा में जागरुकता बढ़ी है, पीएफ खाते नियमित हो रहे हैं और इसका सीधा लाभ कर्मचारियों को हो रहा है, यही हमारी सफलता है।
कार्रवाई के दौरान स्थानीय प्रशासन और पुलिस का सहयोग कैसा मिलता है? इस सवाल के जवाब में आयुक्त रिजवानउद्दीन थोड़ा खिन्न दिखाई दिए। उन्होंने कहा कि सहयोग मिलता तो है, लेकिन और ज्यादा की अपेक्षा रहती है। यदि ऐसा हो तो कार्रवाई करने में आसानी रहती है। उन्होंने कहा कि जहां तक ग्वालियर का सवाल है तो यहां स्टाफ की कमी के कारण भी परेशानी होती है बावजूद इसके हमारी पूरी टीम तत्परता और लगन से काम करती है और इसके परिणाम सबके सामने हैं। आयुक्त रिजवानउद्दीन ने बताया कि फिलहाल उनका पूरा ध्यान यूनीवर्सल अकाउंट नंबर पर केन्द्रित है। अब तक १४२० संस्थानों के ९९१८२ कर्मचारियों को यह प्रदान किया जा चुका है।
आयुक्त रिजवानउद्दीन ने बताया कि ग्वालियर क्षेत्र में किए गए बेहतर कार्य की वजह से पिछले वर्ष क्षेत्रीय भविष्यनिधि आयुक्त मप्र द्वारा इंदौर में विशेष सम्मान प्रदान किया गया था। इसी प्रकार कोलकाता में केन्द्रीय आयुक्त ने उनके कामकाज की सार्वजनिक सराहना की।
साइकिल के लिए अभियान
कोई उच्च प्रशासनिक अधिकारी साइकिल से कार्यालय आए तो थोड़ा आश्चर्य होता है, लेकिन ग्वालियर के भविष्यनिधि आयुक्त रिजवानउद्दीन को यह पसंद है। वह प्रतिदिन लगभग १० किलोमीटर साइकिल चलाकर अपने घर से कार्यालय आते-जाते हैं। उन्होंने बताया कि जब वे दिल्ली में पदस्थ थे तो समय की कमी, पर्यावरण की चिंता और स्वास्थ्य को ठीक रखने को लेकर उन्होंने साइकिल से दफ्तर आना जाना शुरू किया और प्रतिदिन ३४ से ५० किलोमीटर तक साइकिल चलाई। उन्होंने बताया कि ग्वालियर में उन्होंने अपने दफ्तर में साइकिल के लिए सबको प्रेरित करने का अभियान चलाया है और अधिकांश लोग साइकिल से ही कार्यालय आने जाने लगे हैं।
खाने का विशेष शौक
आयुक्त रिजवानउद्दीन को स्वास्थ्य वर्धक खाना न केवल पसंद है बल्कि वे स्वयं ऐसे खाद्य पदार्थ बनाने के शौकीन भी हैं। चर्चा के दौरान उन्होंने बताया कि प्रसिद्ध टीवी कार्यक्रम मास्टर शेफ में वे खाना पका कर पुरस्कार जीत चुके हैं। वे बताते हैं कि उन्होंने अपनी बच्ची को अनेक स्वास्थ्य वर्धक खाने की वस्तुएं बनाना सिखाया है।
योग गुरु बाबा रामदेव से प्रभावित
आयुक्त रिजवानउद्दीन प्रसिद्ध योग गुरु बाबा रामदेव से बेहद प्रभावित हैं। वे उनके द्वारा निर्मित स्वास्थ्यवर्धक खाद्य सामग्री का न केवल उपयोग करते हैं, बल्कि उन्होंने अपने कार्यालय में चाय की जगह बाबा रामदेव द्वारा निर्मित स्वास्थ्य वर्धक पेय पीने की आदत कर्मचारियों में डाली है। इसके लिए वे बाकायदा सामूहिक धन एकत्रित करते हैं और स्वास्थ्य वर्धक पेय मंगवाते हैं।
गुरु और माता-पिता आदर्श
अपने गुरु और माता-पिता को अपना आदर्श मानने वाले आयुक्त रिजवानउद्दीन बताते हैं कि उत्तराखंड के मसूरी में झड़ीपानी जैसे छोटे से कस्बे में उनका जन्म हुआ। पिता समीप ही रेलवे के अस्पताल में फार्मासिस्ट थे, घर की आय बहुत सीमित थी अत: उनकी शिक्षा समीप में ही सरकारी विद्यालय में हुई। पिताजी और गुरु का उनके जीवन पर बहुत प्रभाव रहा, सेवाभाव, दृढ़ निश्चय जैसे गुण उन्हीं से सीखे। कम सुविधाओं में जिंदगी कैसे जी जाती है यह भी उन्हीं ने सिखाया, जो आगे दिल्ली जैसे शहर में रहते बहुत काम आया।
संदेश
आयुक्त रिजवानउद्दीन ने बातचीत के दौरान कर्मचारियों को सलाह दी कि भविष्यनिधि सामाजिक सुरक्षा का महत्वपूर्ण कवच है। इसमें पेंशन की भी सुविधा है। उन्होंने कहा कि लोग भविष्यनिधि को सुरक्षित रखें जब तक बहुत जरूरी न हो उसे न निकालेंं। जो लोग भविष्यनिधि को निजी कार्यों के लिए निकालते हैं वह गलती कर रहे हैं, इसे संचित रहने देने में बहुत लाभ हैं।