योजना आयोग अब 'नीति आयोग' हुआ
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नई दिल्ली। देश में नई नीतियों को अमलीजामा पहनाने का काम अब ‘नीति आयोग करेगा’। योजना आयोग के नए स्वरूप का नाम बदलकर ‘नीति आयोग’ कर दिया गया है। योजना आयोग की स्थापना 1950 के दशक में हुई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा योजना आयोग की जगह नई संस्था की स्थापना की घोषणा के कुछ महीनों बाद यह पहल हुई है। प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त, 2014 को लालकिले की प्राचीर से इसकी घोषणा की थी।
अपने 65 साल के इतिहास में 200 लाख करोड़ रुपए से अधिक की 12 पंचवर्षीय और छह सालाना योजनाएं शुरू करने वाला योजना आयोग आज से नीति आयोग कहलाएगा। मोदी सरकार की ओर से नए साल के पहले ही दिन इसकी घोषणा की गई है। सरकार ने इस बाबत 1950 के एक फैसले में बदलाव किया है।
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि बड़े-बड़े दावे करने वाली सरकार महज आयोग का नाम बदल रही है, काम पहले की तरह ही होगा। उधर वामदलों ने भी केंद्र सरकार के इस फैसले पर विरोध जताया। वहीं भाजपा का कहना है कि इसे एक मजबूत संस्था के रूप में विकसित किया जाएगा। गौरतलब है कि लालकिले की प्राचीर से पहली बार तिरंगा लहराने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योजना आयोग के स्वरूप को बदलने का ऐलान किया था। मोदी के ऐलान के बाद सरकार ने इस फैसले पर उसी वक्त से काम करना शुरू कर दिया था।