प्रधानमंत्री मोदी तक सम्मन पहुंचाने वाले को मिलेगा दस हजार डॉलर

न्यूयॉर्क । भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर वर्ष 2002 में हुए गुजरात दंगों के सिलसिले में मुकदमा दर्ज कराने वाले नागरिक अधिकार संगठन ने कहा है कि जो मोदी तक अदालत का सम्मन पहुंचा देगा उसे 10,000 डॉलर का इनाम दिया जायेगा। वहीं भारत ने आज बिल्कुल स्पष्ट कर दिया कि पांच दिन की अमेरिका यात्रा पर यहां पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इर्द—गिर्द सुरक्षा का कड़ा घेरा है और इस बात का सवाल ही नहीं उठता कि कोई उन्हें सम्मन दे सके।
सम्मन के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरूद्दीन ने कहा कि भारतीय प्रतिनिधि के इर्द गिर्द सुरक्षा का कड़ा घेरा किया गया है। इस बात का कोई सवाल ही नहीं उठता कि कोई भारत के संप्रभु प्रतिनिधि को सम्मन पहुंचा सके। यह बहुत अच्छी तरह से स्पष्ट कर दिया गया है कि इस तरह का कोई मुद्दा नहीं होगा। विदेश विभाग भी आज यह स्पष्ट कर चुका है। उन्होंने कहा कि सरकार प्रक्रिया के अनुरूप मामले से निपटेगी और इस पर कार्रवाई जारी है।
न्यूयॉर्क में रहने वाले कानूनी सलाहकार गुरपतवंत सिंह पन्नुन ने शुक्रवार को बताया कि अमेरिकन जस्टिस सेंटर ने अगले दो दिनों में शहर में मोदी के विभिन्न सार्वजनिक कार्यक्रमों के दौरान अदालत के सम्मन उन तक पहुंचाने वाले को 10,000 डॉलर का इनाम देने की पेशकश की है।
यह इनाम उस व्यक्ति को दिया जाएगा जो मोदी को सम्मन देगा और सबूत के तौर पर तस्वीर और वीडियो ला कर देगा। यह तस्वीर या वीडियो इस बात का प्रमाण होगी कि उस व्यक्ति ने मोदी तक अदालत का सम्मन पहुंचा दिया। समूह ने मोदी को सम्मन देने के लिए कुछ लोगों को भाड़े पर नियुक्त भी किया है।
इस समूह का कहना है कि जो कुछ किया जा रहा है वह न्यूयार्क के कानून के अनुसार किया जा रहा है जिसके मुताबिक, यह काम कम से कम 10 फुट की दूरी से भी किया जा सकता है और संबद्ध व्यक्ति पर दस्तावेज फेंके भी जा सकते हैं। इस प्रक्रिया को इस तरह माना जाएगा कि सम्मन दिया जा रहा है।
अमेरिकन जस्टिस सेंटर के अध्यक्ष जोसेफ व्हाइटिंगटन ने कहा कि मोदी तक सम्मन पहुंचाना आसान नहीं होगा, लेकिन यह वर्ष 2002 के दंगा पीड़ितों के लिए प्रतीकात्मक विजय होगी। पन्नुन ने कहा, प्रधानमंत्री के रूप में मोदी को उन कार्यो के लिए छूट होगी जो उन्होंने प्रधानमंत्री के तौर पर किये लेकिन उन कार्यो के लिए यह छूट नहीं होगी जो उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर किए जिस समय दंगे हुए थे।
गौरतलब है कि मोदी के खिलाफ सम्मन बृहस्पतिवार को दक्षिणी जिले न्यूयॉर्क की अमेरिकी संघीय अदालत (यूएस फेडरल कोर्ट) ने वर्ष 2002 में गुजरात में हुए सांप्रदायिक दंगों में उनकी कथित भूमिका को ले कर जारी किए हैं। तब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। ये सम्मन मोदी के खिलाफ अमेरिकन जस्टिस सेंटर और गुजरात में गोधरा दंगों की हिंसा से प्रभावित दो अन्य लोगों द्वारा दायर मुकदमे के सिलसिले में जारी किए गए हैं।


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