उत्तराखंड में बारिश का कहर जारी, 25 की मौत

उत्तराखंड में बारिश का कहर जारी, 25 की मौत
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देहरादून। उत्तराखंड में एक बार फिर कुदरत ने कहर बरपाया है। इस देवभूमि में एक बार फिर हो रही भारी बारिश ने कई घर उजाड दिए हैं और कई जानें लील हैं।। दो दिन से हो रही मूसलाधार बारिश और बादल फटने से अब तक 25 लोगों की मौत हो गई है। जमीन खिसकने से रास्ते बंद हो गए। सडकों पर भारी मलबा होने के चलते राहत और बचाव के काम में दिक्कत आ रही हैं। उधर मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे तक अभी और बारिश होने की चेतावनी जारी की है। इसके मद्देनजर राज्य में सेना और वायसेना को अलर्ट पर रखा गया है। पहाडों में हो रही बारिश और फट रहे बादल नदी को और ताकत दे रहे हैं। उत्तराखंड में कहीं बादल फटने से घर दब गया है तो कहीं जमीन खिसकने से सडकों पर मलबे का ढेर लग गया है। कोई उफनती नदी के बीच जिंदगी के लिए तरस रहा है, तो किसी को रस्सी के सहारे रास्ता तय करना पड रहा है। पानी के रेले ने देवभूमि के लोगों की परेशानी बढा रखी है। 14 अगस्त की शाम से हो रही लगातार बारिश ने गढवाल के अलग-अलग जिलों में तबाही मचा रखी है। राज्य में शुक्रवार को बारिश कहर बनकर बरसी। अलग-अलग जगह बादल फटने से 20 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। पौडी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक का हाल सबसे बुरा है। मकान गिरने, बादल फटने और जमीन खिसकने से हुए अलग-अलग हादसों में अब तक 17 लोगों की मौत की खबर है। इसके अलावा कुछ लोगों के अभी भी मलबे में दबे होने की आशंका है। लोग प्रशासन से मदद की आस लगाए बैठे हैं लेकिन मदद हो भी तो कैसे, रास्ते तो बडे-बडे पत्थरों ने बंद कर रखे है। देहरादून के पास भी बादल फटने से जमीन धंस गई और रास्ते पर मलबा आ गया। करीब दस गांव बेहाल हो गए। पहाडों में अभी भी लगातार बारिश जारी है। हालात इस कदर खराब हैं कि सरकार ने सेना के साथ अर्ध सैनिक बलों और वायसेना से मदद के लिए तैयार रहने का अनुरोध किया है। हरिद्वार का भी कुछ ऎसा ही हाल है। यहां के हैनपुरी गांव में बारिश इतनी हुई कि पूरा गांव पानी पानी हो गया। इतना पानी कि घरों की दहलीज और सडकों का फर्क ही मिट गया। बच्चे हों या नौजवान, सभी को पानी से होकर गुजरना पड रहा है। वहीं प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है कि लोग जल्द से जल्द सुरक्षित स्थानों पर शरण लें। प्रशासन खुद भी लोगों को सुरक्षित जगहों पर भेजने में लगा हुआ है। पहाडों पर बरस रही यह आफत की बारिश के मैदानी इलाकों में कहर बरपा रही है। तेज बारिश से नदियां उफान पर हैं। गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, वहीं यमुना भी लोगों के लिए दिक्कतें पैदा कर रही हैं। 250 से ज्यादा गांवों का संपर्क टूट गया है।
हरिद्वार में तेज लहरों ने सिंचाई विभाग द्वारा बनाए गए तटबंध को तोड दिया और तटबंध बह जाने के बाद गंगा गांव के मकानों से सटकर बह रही है। नदी के आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की चेतावनी दी गई है। लेकिन पहाडी इलाकों में सडकों पर मलबा जमा होने से राहत बचाव का काम सरकार और प्रशासन दोनों के लिए सबसे बडी चुनौती बना हुआ है। पौडी गढवाल में बादल फटनेसे देवालिखाल गांव में एक ही परिवार के 5 लोग मलबे में दबकर मर गए। देवाली ब्लॉक में नदी में दो बच्चो बह गए, वहीं कल्जीखाल गांव में घर पर मलबा आ जाने से उसमें दबकर दो लोग मर गए।

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