उच्च न्यायालय ने लगाई शासन को लताड़, छह सप्ताह में स्पष्ट करें, क्या है योजना

ग्वालियर। उच्च न्यायालय की ग्वालियर खण्डपीठ ने प्रदेश सरकार को लताड़ लगाते हुए छह सप्ताह में भुगतान के संबंध में अपनी योजना की जानकारी देने का निर्देश दिया है। अुनदान प्राप्त विद्यालयों के शिक्षकों को बढ़े हुए वेतनमान का लाभ नही देने के संबंध में दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति रोहित आर्या ने अतिरिक्त महाधिवक्ता को भुगतान के संबंध में शासन की योजना की जानकारी देने व खण्डपीठ के अधिकार क्षेत्र में आने वाले सभी जिलों में अुनदान प्राप्त विद्यालयों की जानकारी एकत्रित करने का भी निर्देश दिया है। ओंकार सिंह तोमर व अन्य ने अवमानना याचिका दायर करते हुए शासन पर पांचवे व छठे वेतनमान का लाभ नही देने का आरोप लगाया है। याचियों का पक्ष रखते हुए अभिभाषक अंकुर मोदी व विवेक जैन ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने कुछ माह पूर्व प्रदेश सरकार की अपील को खारिज करते हुए प्रदेश के अनुदान प्राप्त विद्यालयों के शिक्षकों को पांचवे व छठे वेतनमान का लाभ देने का आदेश दिया था। लेकिन इसके बाद भी शासन ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को गंभीरता से नहीं लिया जिसके परिणामस्वरूप शिक्षकों को अभी तक लाभ नहीं मिल पाया है।
इस पर न्यायालय ने नाराजगी जताते हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता महेन्द्र प्रताप सिंह रघुवंशी को न्यायालय में बुलाया और छह सप्ताह में यह बताने का आदेश दिया कि शासन ने अब तक अुनदान प्राप्त विद्यालयों के कितने शिक्षकों को पांचवे व छठे वेतनमान का लाभ दिया और कितना लाभ दिया। साथ ही यह भी बताने के लिए कहा कि और कितने शिक्षकों को लाभ मिलना बाकी है और उन्हें लाभ देने के लिए शासन ने क्या योजना बनाई है। 

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