जनमानस

प्रश्न हिन्दुओं के हक का


दक्षिण के छह सदी से भी पुराने पद्मनाभन मंदिर में सदियों से सुरक्षित अकल्पनीय खजाना मिला है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इस खजाने का बाकायदा आंकलन किया गया है। खजाना 5 लाख करोड़ रुपयों का माना गया है। अब सबसे बड़ा सवाल यह पैदा होता है कि यह खजाना किसे दिया जाए या इस खजाने के हकदार कौन हैं। एक हिंदू के बतौर मेरा कहना है कि इस पूरे खजाने का मालिक विराट हिंदू समाज याने भारत के हिंदू हंै। चूंकि यह खजाना किसी बादशाह, तानाशाह, राजा या सम्राट का नहीं है वह एक मंदिर का है और मंदिर हिन्दुओं का है। अतएव इस खजाने का उपयोग पूरे भारत में बिखरे जीर्ण-शीर्ण मंदिरों, हिंदू धर्मशालाओं, घाटों, चारों धामों, तीर्थ स्थानों, वैदिक शिक्षा, आयुर्वेद व योग के प्रचार-प्रसार, हिंदू धार्मिक पुस्तकों जैसे गीताजी, रामायण के प्रकाशन जैसे कामों में किया जाए। यह खजाना हिंदू की सम्पत्ति है, क्योंकि इसे भगवान विष्णु के चरणों में हिंदू भक्तों ने चढ़ाई है। यहां यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि यदि यह खजाना किसी मस्जिद के तलघर में मिलता तो क्या सरकार इसकी ओर आँख उठाकर भी देखती। समय रहते भारत के करोड़ों हिन्दुओं, हिन्दू संगठनों व पंडों, पुजारियों व मठाधीशों को हिन्दू का दावा हिन्दू के खजाने पर सशक्त रूप से करना चाहिए व रामसेतु रक्षा के लिए किए आंदोलन जैसा देशव्यापी आंदोलन अभी से करना चाहिए। तभी हिंदू का खजाना हिंदू को मिलेगा।

राजवीरसिंह, इन्दौर 

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