भिलाई इस्पात संयंत्र हादसा की उच्च स्तरीय जांच होगी : मंत्री
रायपुर । छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में भिलाई इस्पात संयंत्र हादसे की जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जाएगा। जांच समिति 30 दिनों भीतर अपना रिपार्ट प्रस्तुत करेगी।
केंद्रीय इस्पात मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को भिलाई हादसे में घायल अधिकारियों और कर्मचारियों से मुलाकात के बाद बताया कि केंद्र सरकार मामले की जांच के लिए दो दिनों के भीतर एक उच्च स्तरीय समिति का गठन करेगी। समिति में भारतीय इस्पात प्राधिकरण (सेल) का कोई अधिकारी नहीं होगा। समिति 30 दिनों के भीतर अपना रिपोर्ट सौपेगी।
तोमर ने कहा कि जांच में इस हादसे के लिए जिसके ऊपर भी जवाबदेही तय होगी उसके खिलाफ सरकार कार्रवाई करेगी। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस घटना में मृत छह लोगों में से संयंत्र के दो अधिकारी समेत पांच मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रूपए की सहायता राशि प्रदान की जाएगी तथा मृत ठेका श्रमिक के परिजनों को 10 लाख रूपए की सहायता राशि दी जाएगी। साथ ही मृत अधिकारी कर्मचारी के आश्रितों को योग्यतानुसार नौकरी प्रदान की जाएगी।
तोमर ने बताया कि हादसे की सूचना उन्हें गुरूवार शाम को मिली थी तथा दोपहर तक उन्हें भिलाई पहुंचना था लेकिन खराब मौसम की वजह से उन्हें आने में देरी हुई है। उन्होंने कहा कि यह दुखद घटना है तथा वह इस हादसे में मृत अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं। उन्हें उम्मीद है कि इस हादसे में घायल कर्मी जल्द स्वस्थ्य होंगे। तोमर ने बताया कि इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दुख जताया है तथा घायलों के ईलाज के पूरे इंतजाम करने पर बल दिया है। वहीं इस प्रकार की घटना आगे न हो इस बारे में उचित प्रबंध करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में राज्य शासन की ओर से दंडाधिकारी जांच की भी घोषणा की गई है तथा सेल की ओर से भी जांच की जा रही है साथ ही उच्च स्तरीय जांच भी की जाएगी।
इससे पहले तोमर घायलों से मिलने अस्पताल पहुंचे। तोमर के साथ मुख्यमंत्री रमन सिंह और रमन मंत्रिमंडल के सदस्य भी मौजूद थे। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में स्थित भिलाई इस्पात संयंत्र में गुरूवार शाम जहरीली गैस का रिसाव होने से पांच संयंत्रकर्मी संयंत्र के उप महाप्रबंधक बीके सिंह (56), उप महाप्रबंधक एन.के. कटारिया (56), मास्टर टेक्नीशियन एन्तिनिउस सेमुएल (48), सीनियर आपरेटर यारद राम साहू (53), असिस्टेंट फायर स्टेशन आफिसर रमेश कुमार शर्मा (58) की मृत्यु हो गई। बाद में ठेका श्रमिक विकास वर्मा की भी मौत हो गई। हादसे में 30 से ज्यादा अधिकारी और कर्मचारी घायल हुए हैं।