आतंकी मेहदी के 60 फीसदी फॉलोअर गैर-मुस्लिम: राजनाथ

नई दिल्ली | सरकार ने कहा कि सोशल मीडिया के जरिये आईएसआईएस का प्रचार करने के लिए गिरफ्तार किये गये युवक मेंहदी मसरूर बिसवास से की गई पूछताछ से यह पता चला है कि उसकी गतिविधियां आईएसआईएस समर्थक सामग्री को अपने ट्विटर एकाउंट और सोशल मीडिया साइटों पर पोस्ट तथा रिपोस्ट करने तक सीमित थी और उसने आईएसआईएस के लिए लोगों की भर्ती करने से इंकार किया है। सरकार ने कहा कि मामले की जांच जारी है।
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मेंहदी की गिरफ्तारी के बारे में आज लोकसभा में अपनी ओर से दिये बयान में कहा कि मेंहदी को बेंगलूर पुलिस द्वारा 13 दिसम्बर को गिरफ्तार किया गया। वह एक ट्विटर एकाउंट के माध्यम से आईएसआईएस सामग्री परिचालित करने में अपनी भूमिका के बारे में यूनाइटेड किंगडम में इलेक्ट्रानिक मीडिया में सर्वप्रथम प्रकाश में आया था।
सिंह ने कहा कि मेंहदी का यूजर नेम ‘शामी विटनेस’ के अंतर्गत एक ट्विटर एकाउंट था। वह आईएसआईएस की मुख्यत: अरबी भाषा की साइटों को देखता था और फिर उनकी विषय वस्तु का अंग्रेजी में अनुवाद करता था और उस सामग्री को अपने ट्विटर एकाउंट पर डाल देता था।
गृह मंत्री ने बताया कि पूछताछ के दौरान मेंहदी ने यह खुलासा किया कि उसके ट्विटर एकाउंट को देखने वाले 60 प्रतिशत से अधिक लोग पश्चिमी देशों के गैर मुस्लिम लोग थे और उसके अधिकांश मुस्लिम फोलोवर पश्चिमी देशों विशेष रूप से यूनाइटेड किंगडम के थे।
गृह मंत्री ने कहा कि मेंहदी ने अपने कालेज के दिनों के दौरान इंटरनेट के जरिये सीरिया, इराक और अफगानिस्तान में होने वाले घटनाक्रमों पर गहन नजर रखनी शुरू कर दी थी और वह वर्ष 2009 से सोशल नेटवर्किंग साइटों पर सक्रिय रहा है और कुछ समय से उसने ‘जेहाद’ से संबंधित मामलों पर सोशल नेटवर्किंग साइटों पर लोगों से संपर्क करना शुरू कर दिया। उन्होंने बताया कि करीब 24 वर्षीय मेंहदी कोलकता के एक मध्यवर्गीय परिवार से संबंध रखता है और उसने वर्ष 2012 में गुरूनानक देव प्रौद्योगिकी संस्थान से इलेक्ट्रीकल इंजीनियंरिग की पढाई की है। कैंपस भर्ती अभियान के बाद वह आईटीसी बेंगलूर में आ गया और इस समय वहीं पर नियुक्त है। गृह मंत्री ने कहा कि इस मामले में आगे जांच जारी है।